हाइलाइट्स
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मोदी और राम मंदिर बीजेपी कैंडिडेट की ताकत
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कांग्रेस के दिनेश यादव जमीनी नेता
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जबलपुर लोकसभा मुख्य रूप से बीजेपी का गढ़
Jabalpur Lok Sabha seat: मध्यप्रदेश में कांग्रेस के तीन प्रत्याशियों की शनिवार को घोषणा के साथ ही सभी 29 लोकसभा सीटों की तस्वीर साफ हो गई है।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस 28 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। खजुराहो सीट कांग्रेस ने समझौते के तहत समाजवादी पार्टी को दी थी, लेकिन वहां से सपा के प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया है।
ऐसे में खजुराहो में बीजेपी को एक तरह से विपक्ष का वाकओवर मिल गया है। यहां बता दें, खजुराहो से बीजेपी के प्रत्याशी वीडी शर्मा हैं। जो मौजूदा सांसद भी हैं।
जबलपुर में बीजेपी 28 साल से काबिज
आज हम जबलपुर लोकसभा सीट (Jabalpur Lok Sabha seat) की बात कर रहे हैं। इस सीट पर भी पिछले 28 साल से बीजेपी का कब्जा है।
जबलपुर बीजेपी का मजबूत गढ़ बन गया है। ऐसे में इस बार के आम चुनाव (Lok Sabha Chunav 2024) में कांग्रेस कितनी चुनौती दे पाएगी।
बीजेपी लाई नया चेहरा
यह सामान्य चर्चा है। हालांकि, जबलपुर सीट (Jabalpur Lok Sabha seat) पर बीजेपी ने चेहरा बदल दिया है और पार्टी संगठन के पदाधिकारी आशीष दुबे को मौका दिया है।
वहीं कांग्रेस ने सीनियर लीडर दिनेश यादव को मैदान में उतरा है। मुकाबला टक्कर का हो सकता है।
आइए, सबसे पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के कैंडिडेट्स के बारे में जानते हैं।
आशीष दुबे 40 साल से राजनीति में
जबलपुर लोकसभा सीट (Jabalpur Lok Sabha seat) से बीजेपी के प्रत्याशी आशीष दुबे 1984 से राजनीति में सक्रिय हैं।
इस दौरान वे बीजेपी जिलाध्यक्ष भी रहे। वर्तमान में बीजेपी के प्रदेश महामंत्री हैं। उनके पिता अम्बिकेश्वर दुबे मेयर चुनाव में किस्मत आजमा चुके हैं।
यानी उनके लिए राजनीति कोई नई नहीं है। पुराने खिलाड़ी हैं। गांव और शहर दोनों में उनका बराबर का दखल है। उनका मुख्य पेशा खेती-किसानी है।
बीजेपी प्रत्याशी आशीष दुबे का मजबूत पक्ष
1- मोदी, मंदिर और राष्ट्रवाद के पार्टी के एजेंडे का बीजेपी के प्रत्याशी आशीष दुबे को पूरा लाभ मिलेगा।
बीजेपी इस बार अपना टारगेट (400 पार) बहुत बड़ा लेकर चल रही है। और एक विजेता टीम की तरह आम चुनाव में उतरी है।
इसका बीजेपी के अधिकतर उम्मीदवारों को लाभ मिलने वाला है। इसे मोदी लहर के रूप में भी देखा जा रहा है।
2- बीजेपी संगठन की शक्ति भी आशीष दुबे के साथ
आशीष दुबे, वर्तमान में प्रदेश बीजेपी के महामंत्री हैं। जिससे उनकी संगठन में अच्छी पकड़ है और पार्टी संगठन का पूरा सहयोग और समर्थन उन्हें मिल रहा है।
3- ब्राह्मण और क्षत्रीय वोट पर बीजेपी का प्रभाव
जबलपुर लोकसभा सीट पर आशीष दुबे को ब्राह्मण वोटों का पूरा समर्थन मिलेगा। साथ ही तीन बार से जबलपुर सांसद रहे राकेश सिंह, अब प्रदेश सरकार में मंत्री हैं।
इनके प्रचार से छिटका हुआ क्षत्रीय वोट भी बीजेपी कैंडिडेट के वोट बैंक में इजाफा कर सकता है।
4- जबलपुर बीजेपी का गढ़
जबलपुर संसदीय सीट (Jabalpur Lok Sabha seat) पर पिछले 28 साल से बीजेपी का कब्जा है।
एक तरह से जबलपुर बीजेपी का गढ़ बन गया है। जिसका फायदा बीजेपी प्रत्याशी आशीष दुबे को मिलने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
5- नया चेहरा होने का मिलेगा फायदा
अशीष दुबे जबलपुर की जनता के लिए नया चेहरा हैं। एक ही चेहरे को बार-बार देखने से बीजेपी के खिलाफ एंटी इंकम्बेसी भी अब समाप्त हो जाएगी।
जनता के लिए नया चेहरा होने का बीजेपी को फायदा मिल सकता है।
कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश यादव जमीनी नेता
जबलपुर लोकसभा सीट (Jabalpur Lok Sabha seat) पर कांग्रेस के दिनेश यादव मैदान में हैं।
उनकी राजनीति पार्षदी से शुरू हुई है। इसके बाद वे जबलपुर नगर निगम परिषद में नेता प्रतिपक्ष तक रहे। एक बार मेयर चुनाव भी लड़ चुके हैं।
शहर में उनकी जबरदस्त पकड़ है। आमलोग भी उन्हें बेहतर ढंग से जानते हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश यादव का मजबूत पक्ष
1- सरल, सुलभ उपलब्धता
दिनेश यादव ने सियासत पार्षद स्तर से की है। इसलिए वे जनता की नब्ज को बेहतर ढंग से पहचानते हैं। साथ ही जनता के लिए अपनी उपब्धता को हमेशा बनाए रखे हैं।
2- स्थानीय सक्रियता का मिलेगा फायदा
कांग्रेस के दिनेश यादव को स्थानीय राजनीति का पूरा फायदा मिल सकता है। उन्हें पता है किस रणनीति से उन्हें समर्थन जुटाना है।
किन विरोधियों को अपना बनाना है, वे अच्छी तरह से समझते हैं। कुल मिलाकर दिनेश यादव को स्थानीय सक्रियता का लाभ मिल सकता है।
3- सक्षम कैंडिडेट
दिनेश यादव व्यक्तिगत रूप से भी सक्षम कैंडिडेट हैं। उनको संसाधनों के लिए पार्टी यानी कांग्रेस पर ज्यादा निर्भर नहीं रहना होगा।
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4- ओबीसी वर्ग का मिल सकता है साथ
दिनेश यादव ओबीसी वर्ग से आते हैं। जातिगत समीकरण का दिनेश यादव को अच्छा लाभ मिल सकता है।
इसके अलावा मुस्लिम और क्रश्चियन वर्ग के वोट उन्हें बड़ा लाभ पहुंचाएंगे।
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जबलपुर में कांग्रेस बड़े अंतर से हारी
पिछले (Jabalpur Lok Sabha seat) लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के राकेश सिंह ने कांग्रेस के विवेक तन्खा को करीब साढ़े तीन लाख वोट से अधिक से हराया था।
आंकड़े बताते हैं कि यहां लगातार बीजेपी का वोट बैंक और प्रतिशत बढ़ रहा है।
पिछले चुनाव में यह 65.41 प्रतिशत रहा, जबकि कांग्रेस का वोट बैंक 29.42 प्रतिशत रहा।