हाइलाइट्स
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5 अप्रैल से पहले योजनाओं में करें निवेश मिलेगा फायदा
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PPF और Sukanya की अधिकतम सीमा 1.5 लाख
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5 अप्रैल के बाद निवेश पर मिलेगा कम ब्याज
Sukanya Samriddhi Yojana: नए वित्त वर्ष यानी 2024-25 की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे निवेश के बहुत सारे नए विकल्प (Investing Plans) सामने आ रहे हैं. लेकिन इन स्कीम में महीने की शुरूआत में निवेश करना ही ज्यादा फायदेमंद है. इसलिए निवेश करने के लिए तारीख बहुत मायने रखती है.
इसलिए अप्रैल महीने की 5 तारीख से पहले दो स्कीम पीपीएफ, (PPF) और सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) में निवेश करके जबरदस्त फायदा मिलेगा. इन स्कीम में निवेश करने पर अच्छा रिटर्न भी मिलेगा.
निवेश के लिए पॉपुलर दोनों योजनाएं
इन्वेस्टिंग के लिए टैक्स सेविंग के हिसाब से पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) और सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) आम लोगों के बीच पॉपुलर हैं.
ओल्ड टैक्स रिजीम (old tax regime) के तहत इन दोनों योजनाओं में निवेश करने पर 80C के तहत टैक्स में रिलीफ का फायदा मिलता है.
इसके साथ ही इसमें अच्छा ब्याज भी मिलता है और योजना की मैच्योरिटी की रकम भी टैक्स फ्री होती है. हालांकि न्यू टैक्स रिजीम (new tax regime) के तहत इस तरह की छूट नहीं मिल पाएगी.
इन दोनो हीं योजनाओं में एक वित्त वर्ष में इनवेस्टिंग के लिए अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये है.
तारीख का अहम रोल
पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना में वित्त वर्ष के दौरान इन्वेस्ट के लिए सबसे सही समय का तय करना बहुत जरूरी है. इस तारीख के हिसाब से ही मैच्योरिटी पर मिलने वाला रिटर्न और ब्याज पर भी असर पड़ता है.
बता दें पीपीएफ समेत समृद्धि सुकन्या योजना पर सरकार हर तिमाही ब्याज का तय करती है. ऐसे में मौजूदा अप्रैल-जून तिमाही के लिए पीपीएफ पर ब्याज 7.1 फीसदी तय किया गया है.
वहीं सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) में सरकार ने 8.2 फीसदी ब्याज दरें तय की हैं.
नियमों के हिसाब से दोनों ही बचत योजनाओं पर सरकार ब्याज का पैसा हर महीने की 5 और अंतिम तारीख के बीच उपलब्ध मिनिमम बैलेंस पर ही ब्याज देती है.
2019 में बदले थे नियम
दिसंबर 2019 में नियमों में बड़े बदलाव हुए थे. इसके बाद से पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना में हर महीने के दसवें दिन की समाप्ति और अंतिम दिन के बीच मिनिमम बैलेंस पर ही ब्याज मिलने लगा था.
इसका मतलब यह है कि अगर आप महीने की 5 तारीख से पहले या 5 तारीख तक निवेश नहीं करते हैं तो आपको उस महीने के लिए ब्याज नहीं मिलेगा. क्योंकि ब्याज कैलकुलेशन हर महीने होती है.
जबकि पूरा ब्याज वित्त वर्ष के अंतिम दिन यानी 31 मार्च को क्रेडिट होता है. इन दोनों ही योजनाओं में ब्याज की कंपाउंडिंग सालाना आधार पर की जाती है.
5 अप्रैल तक निवेश करना क्यों है जरूरी
मान लीजिए आप पीपीएफ (PPF) अकाउंट में 31 मार्च से 5 अप्रैल के बीच 8 फीसदी ब्याज रिटर्न स्कीम (Return scheme) के इन्वेस्ट करते हैं. इसके लिए निवेश राशि हम 1 वित्त वर्ष में निवेश की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपए प्रति वर्ष लेते हैं.
तब 15 साल की मैच्योरिटी टाइम के बाद ये अमाउंट होगा कुल 43,98,642 रुपए होगा. जिसेमें प्रिंसिपल अमाउंट 22,50,000 और ब्याज 21,48,642 होगा.
वहीं 5 अप्रैल के बाद और 5 मई से पहले जमा करते हैं तो मैच्योरिटी अमाउंट कुल 43,71,490 रुपए होगा जिसमें प्रिंसिपल अमाउंट- 22,50,000 और ब्याज 21,21,490 होगा.
मतलब अप्रैल की 5 तारीख से पहले जमा करने पर आपको 27,152 रुपए का फायदा मिलेगा.
इसलिए इन दोनों स्कीम में यदि आप निवेश करना चाहते हैं. तो हर साल वित्त वर्ष में 5 अप्रैल तक या इससे पहले एकमुश्त निवेश कर दें.
जिससे आपको ज्यादा ब्याज मिल सकेगा. यह भी ध्यान रखें की आप पेमेंट के लिए चेक और ड्राफ्ट का विकल्प न चुनें या फिर चेक को 5 अप्रैल से पहले ही अप्रूव कराने की कोशिश करें.