हाइलाइट्स
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राजगढ़ से चुनाव लड़ेंगे पूर्व सीएम दिग्गविजय सिंह
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राजगढ़ से दो बार सांसद रहे हैं दिग्विजय सिंह
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BJP के रोडमल नागर से होगा मुकाबला
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) 5 साल बाद एक बार फिर चुनावी मैदान में है. पिछली बार 2019 में भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले दिग्विजय इस बार अपने गढ़ से मैदान में उतरेंगे.
शनिवार रात जैसे ही दिग्विजय सिंह के राजगढ़ से चुनाव लड़ने की औपचारिक घोषणा हुई कांग्रेस अचानक इस सीट पर मैदान में आ गई.
यहां से दो बार के सांसद और मौजूदा प्रत्याशी रोडमल नागर के लिए अब तक बेहद आसान मानी जाने वाली ये जंग दिलचस्प हो गई.
ऐसा इसलिए कह माना जा रहा क्योंकि राजगढ़ सीट से दिग्विजय सिंह भी 2 बार सांसद रहे हैं.
2 बार रोडमल नागर बने सांसद
रोडमल नागर 2014 में 3 लाख 67 हजार और 2019 में 3 लाख 92 हजार वोटों से जीते हैं. इस बार उनके जीत की हैट्रिक की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन जैसे ही कांग्रेस की सूची में दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) का नाम सामने आया इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया. राजगढ़ सीट से अब बीजेपी के लिए ये मुकाबला टफ हो गया है.
कांग्रेस को ये फैक्टर बनाते हैं मजबूत
दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) की क्षेत्र में मजबूत पकड़ है. वे राजगढ़ से दो बार सांसद भी रहे हैं. फिलहाल वे क्षेत्र में एक्टिव भी हैं और लगातार दौरे कर रहे हैं. राजगढ़ जिले की राघौगढ़ सीट से दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह विधायक भी हैं. ऐसे में कांग्रेस मजबूत मानी जा रही है.
2 बार दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ से जीता चुनाव
1984 में जमनालाल को हराकर दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) पहली बार राजगढ़ से सांसद बने थे. 1989 में प्यारेलाल खंडेलवाल से दिग्विजय सिंह चुनाव हार गए थे. 1991 के चुनाव में दिग्विजय सिंह ने प्यारेलाल खंडेलवाल को हराया और दूसरी बार राजगढ़ से सांसद बने.
इसके बाद दिग्विजय सिंह 1993 में मुख्यमंत्री बने तो उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह यहां से लगातार 3 बार कांग्रेस और एक बार भाजपा से सांसद चुने गए. लेकिन 2009 के चुनाव में दिग्विजय सिंह के करीबी नारायण सिंह अमलबे से वे चुनाव हार गए. वर्तमान में यहां से बीजेपी के रोडमल नागर सांसद हैं.