हाइलाइट्स
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दुर्ग ग्रामीण के पूर्व जिला महामंत्री ने दिया इस्तीफा
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विजय साहू ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को भेजा अपना इस्तीफा
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के इस्तीफा देने का दौर थम नहीं रहा है. एक-एक कर पार्टी के कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है. कई नेताओं ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी की सदस्यता भी ले ली है. तो वहीं पार्टी ने कुछ बगावती तेवर दिखाने वाले नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
बहरहाल लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस के अंदर जो हो रहा है, वह पार्टी के लिए ठीक नहीं है. अब दुर्ग जिले से कांग्रेस नेता विजय साहू ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.
पीसीसी चीफ दीपक बैज को भेजा इस्तीफा
विजय साहू कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और क्रेडा सदस्य, साथ ही युवा मितान क्लब के संभाग संयोजन और दुर्ग ग्रामीण के पूर्व जिला महामंत्री रह चुके हैं. उनके इस्तीफे से पार्टी को झटका लगा है.
विजय साहू ने पीसीसी चीफ (Chhattisgarh) दीपक बैज को इस्तीफा भेजते हुए अपने पत्र में लिखा कि दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ तक पार्टी अपने उद्देश्यों से भटक चुकी है. पार्टी के वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं का शोषण कर रहे हैं.
आज जुआ सट्टा शराब माफिया और असामाजिक तत्व के लोग संगठन का संचालन कर रहे हैं. इसलिए वे कांग्रेस की प्राथमिक सदस्य इस्तीफा दे रहे हैं. बता दें कि विजय साहू बीते 36 सालोंं से कांग्रेस से जुड़े हुए थे.
साथ ही वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में जब प्रत्याशियों के इस बार पैनल बनाए गए, तो उसमें विजय साहू का नाम भी शामिल किया गया था. लेकिन भिलाई के जिला अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर को प्रत्याशी बनाया गया. हालांकि मुकेश को 40 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा.
विजय साहू ने भूपेश बघेल का किया विरोध
आपको बताते चलें कि विजय ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकर्ताओं को स्लीपर सेल कहने का भी विरोध किया है. उन्होंने कहा कि पार्टी को खड़ा करने और उन्हें सीएम बनने में जिन कार्यकर्ताओं न कड़ी मेहनत की, वह उन्हें स्लीपर सेल लग रहे हैं. यह कार्यकर्ताओं का अपमान है.
कार्यकर्ताओं का मनोबल लगातार टूट रहा है. वहीं लोकसभा चुनाव में भी दुर्ग जिले के लोगों को ही अन्य लोकसभा क्षेत्र से लड़ाया जा रहा है.
विजय साहू ने कहा कि भूपेश बघेल खुद अपने लिए सेफ जोन खोजकर राजनांदगांव चले गए. कहा कि पार्टी के अंदर जो दिल्ली दरबार में हाजरी लगाता है, उनका ही बोलबाला है. छोटे कार्यकताओं की उपेक्षा हो रही है.
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