हाइलाइट्स
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आज से देशभर में आचार संहिता लागू, राजनीतिक पोस्टरों का हटना शुरू,
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सरकारी संसाधनो का उपयोग नहीं कर पाएंगे राजनेता
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संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत लगती है आचार संहिता
Adarsh Aachar Sanhita: चुनाव आयोग ने आज लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा कर दी है। तारीखों की घोषणा के साथ ही देशभर में आचार संहिता लागू हो गई।
आयोग ने इससे पहले एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें धन और बाहुबल BLपर अंकुश लगाने के निर्देश दिए।
साथ ही बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण अपनाते हुए काम करने की बात कही। अब अधिकतर लोगों के मन में सवाल होगा कि आखिर आचार संहिता क्या होती है?
इसकी समयसीमा क्या होती है ? इससे सबसे ज्यादा कौन लोग प्रभावित होते हैं। ऐसे ही अन्य सवालों के जवाब यहां पढ़ सकते हैं।
आदर्श आचार संहिता क्या है?
आदर्श आचार संहिता (Adarsh Aachar Sanhita) राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के मार्गदर्शन के लिए निर्धारित किए गए मानकों का एक ऐसा समूह है, जिसे राजनीतिक दलों की सहमति से तैयार किया गया है।
आदर्श आचार संहिता में चुनाव आयोग की भूमिका अहम होती है। संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन संसद और राज्य विधानमंडलों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनावों का आयोजन चुनाव आयोग का सांविधिक कर्तव्य है।
आदर्श आचार संहिता कब तक लागू रहती है?
आदर्श आचार संहिता, चुनाव आयोग द्वारा चुनाव तारीखों की घोषणा से ही लागू कर दी जाती है और यह चुनाव प्रक्रिया के पूर्ण होने तक लागू रहती है।
लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Election 2024) के दौरान आदर्श आचार संहिता पूरे देश में जबकि विधानसभा चुनावों के दौरान पूरे राज्य में लागू होती है।
आदर्श आचार संहिता की विशेषताएं?
आदर्श आचार संहिता (Adarsh Aachar Sanhita) की मुख्य विशेषताएं निर्धारित करती हैं। जिसमें राजनीतिक दलों, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों और सत्ताधारी दलों को चुनाव प्रक्रिया के दौरान कैसा व्यवहार करना चाहिए।
चुनाव प्रक्रिया, बैठकें आयोजित करने, शोभायात्राओं, मतदान दिन की गतिविधियों और सत्ताधारी दल के कामकाज भी संहिता से निर्धारित होते हैं।
इसके तहत मंत्री अपने आधिकारिक दौरे को चुनाव प्रचार संबंधी कार्यों के साथ नहीं मिलाएंगे और ना ही चुनाव प्रचार संबंधी कार्यों के दौरान सरकारी तंत्र या कर्मचारियों का प्रयोग करेंगे।
हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरे के साथ आधिकारिक दौरे को मिलाने संबंधी आदर्श आचार संहिता (Adarsh Aachar Sanhita) के प्रावधान से प्रधानमंत्री को छूट रहती है।
आचार संहिता (Adarsh Aachar Sanhita) के दौरान विमान, वाहनों इत्यादि सहित कोई भी सरकारी वाहन किसी दल या उम्मीदवार के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
सरकार के लिए क्या नियम होते हैं?
चुनाव के आयोजन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों या पदाधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती पर संपूर्ण प्रतिबंध होगा।
यदि किसी अधिकारी का स्थानांतरण या तैनाती आवश्यक मानी जाती है तो पहले आयोग की अनुमति ली जाएगी।
मंत्रियों को अपना आधिकारिक वाहन केवल अपने आधिकारिक निवास से अपने कार्यालय तक शासकीय कार्यों के लिए ही मिलेगा।
इसमें शर्त है कि इस प्रकार के सफर को किसी चुनाव प्रचार कार्य या राजनीतिक गतिविधि से न जोड़ा जाए।
सरकारी योजनाओं, निर्माण कार्य पर क्या नियम लागू होते हैं?
चुनाव के दौरान प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सरकारी खर्चे पर पार्टी की उपलब्धियों के संबंध में विज्ञापन और सरकारी जन-सम्पर्क पूरी तरह से निषध है।
केंद्र में सत्ताधारी पार्टी/राज्य सरकार की उपब्धियों को प्रदर्शित करने वाले होर्डिंग या विज्ञापनों को सरकारी खर्चे पर जारी नहीं रखा जाएगा।
प्रदार्शित किए गए इस प्रकार के सभी होर्डिंग, विज्ञापन इत्यादि संबंधित प्राधिकारियों द्वारा तुरंत हटा दिए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त, अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सहित अन्य मीडिया पर सरकारी राजकोष के खर्चें पर कोई विज्ञापन जारी नहीं होगा।
चुनावों की घोषणा से पूर्व जारी कार्य आदेश के संबंध में यदि क्षेत्र में कार्य शुरू नहीं किया गया है तो उसे शुरू नहीं किया जाएगा। परंतु यदि काम शुरू कर दिया गया है तो उसे जारी रखा जा सकता है।
सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए कई दिशा-निर्देश हैं। सरकारी आवास योजना योजना के अंतर्गत कोई भी नया निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जाएगा और चुनावों के पूरा होने तक किसी भी नए लाभार्थी को स्वीकृति नहीं दी जाएगी।
संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना ( SGRY ) चल रहे कार्यों को जारी रखा जा सकता है। राष्ट्रीय रोजगार ग्रामीण गारंटी अधिनियम ( NRGA) ग्रामीण विकास मंत्रालय ऐसे जिलों की संख्या नहीं बढ़ाएगा।
जिनमें चुनावों की घोषणा के पहले से ही ऐसी योजनाओं का कार्यान्वयन हो रहा है। चुनावों की घोषणा के बाद जॉब कार्ड धारक को चल रहे काम में तभी रोजगार उपलब्ध करवाया जा सकता है यदि वे काम की मांग करें।
मंत्री या अन्य प्राधिकारी किसी भी रूप में कोई वित्तीय अनुदान या उससे संबंधित कोई वादा नहीं करेंगे। किसी प्रोजेक्ट अथवा योजना का शिलान्यास एवं लोकार्पण आदि नहीं कर सकेंगे।
सड़क बनवाने, पीने के पानी की सुविधा इत्यादि उपलब्ध करवाने का कोई वादा भी नहीं किया जाएगा। इसके अलावा सरकार या निजी क्षेत्र के उपक्रमों में तदर्थ आधार पर कोई नियुक्ति भी नहीं पाएंगे।
कुछ मामलों में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी किसी राजनीतिक पदाधिकारी को शामिल किए बिना शिलान्यास एवं लोकार्पण आदि कर सकते हैं।
चुनाव प्रचार नियम हैं ?
चुनाव आयोग के अनुसार, आदर्श आचार संहिता (Adarsh Aachar Sanhita) के लागू होने के साथ ही कोई दल या उम्मीदवार ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो धार्मिक या भाषाई जातियों और समुदायों, के बीच मतभेद को बिगाड़े या परस्पर घृणा या तनाव उत्पन्न करे।
जब राजनीतिक दलों की आलोचना की जाए, तो उसे उनकी नीतियों और कार्यक्रम, विगत रिकॉर्ड और कार्य तक ही सीमित रखा जाएगा।
दल और उम्मीदवार दूसरे दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की निजी जिंदगी के सभी पहलुओं की आलोचना करने से दूर रहें। इसमें शर्त है कि ये पहलु किसी के सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़े नहीं होने चाहिए।
तोड़-मरोड़ कर या असत्यापित आरोपों के आधार पर दूसरे दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना करने से बचना होगा।
वोट हासिल करने के लिए जाति या संप्रदाय की भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी। मस्जिदों, चर्चों, मंदिरों और अन्य पूजा स्थलों का चुनाव प्रचार के मंच के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
सभी दल और प्रत्याशी ऐसी सभी गतिविधियों से परहेज करेंगे जो निर्वाचन विधि के अधीन भ्रष्ट आचरण और अपराध हैं।
ये गतिविधियां हैं मतदाताओं को घूस देना, मतदाताओं को डराना-धमकाना, हमशक्ल मतदाता से मतदान करवाना, मतदान केंद्रों से 100 मीटर की दूरी के भीतर प्रचार करना प्रतिबंधित रहेगा.
मतदान समाप्त होने के लिए नियत घंटे के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान सार्वजनिक बैठकें आयोजित करना और मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए परिवहन और वाहन की व्यवस्था करना।
प्रत्येक व्यक्ति के अधिकार का सम्मान किया जाएगा, फिर चाहे राजनीतिक दल और प्रत्याशी उसके राजनीतिक मत या गतिविधियों को कितना भी नापसंद क्यों न करते हों।
लोगों के मत या गतिविधियों के प्रति विरोध जताने के लिए उनके घरों के सामने किसी भी परिस्थिति में न तो प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा और न ही धरना दिया जाएगा।
कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार अपने अनुयायियों को किसी भी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी भूमि, भवन, परिसर की दीवारों इत्यादि पर झंडा लगाने, बैनर लटकाने, सूचना चिपकाने, नारा लिखने इत्यादि की अनुमति नहीं देगा।
राजनैतिक दल और उम्मीदवार यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके समर्थक दूसरे दलों द्वारा आयोजित बैठकों और जुलूसों में न तो बाधा खड़ी करें और न ही उन्हें भंग करें।
एक दल द्वारा उन स्थानों के आसपास जुलूस नहीं निकाला जाएगा, जहां दूसरे दल द्वारा बैठकें आयोजित की गई हों। एक दल के द्वारा लगाए गए पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ताओं द्वारा नहीं हटाए जाएंगे।
चुनाव प्रचार के लिए क्या हैं प्रतिबंध ?
आयोग (Election Commission) ने राजनीतिक प्रयोग के लिए स्कूलों और कॉलेज के मैदानों ( पंजाब और हरियाणा राज्य को छोड़कर जहां पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से विशेष निषेध है ) के प्रयोग की अनुमति नहीं दी है।
सार्वजनिक संपत्ति पर उम्मीदवार संबंधित पार्टी अथवा उम्मीदवार के पोस्टर, प्लेकार्ड, बैनर, ध्वज आदि को लागू स्थानीय कानून के प्रावधानों और निषेधात्मक आदेशों के अधीन प्रदर्शित कर सकता है।
उम्मीदवार चुनाव के समापन के लिए तय किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटे की अवधि के दौरान सिनेमा, टेलीविजन या अन्य इसी तरह के उपकरण के माध्यम से जनता को किसी भी चुनाव सामग्री अथवा प्रचार को प्रदर्शित नहीं कर सकते हैं।
चुनाव प्रचार अवधि समाप्त होने के बाद राजनीतिक पदाधिकारियों की किसी चुनावक्षेत्र में उपस्थिति पर प्रतिबंध है। प्रचार बंद होने के बाद राजनीतिक पदाधिकारी आदि, जो चुनाव क्षेत्र के बाहर से आए हैं।
साथ ही जो चुनाव क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, उन्हें चुनाव क्षेत्र में मौजूद नहीं रहना चाहिए। ऐसे पदाधिकारी को प्रचार अवधि समाप्त होने के तुरंत बाद चुनाव क्षेत्र को छोड़ देना चाहिए।
किसी भी सार्वजनिक या निजी स्थान पर सभा आयोजित करने और जुलूस निकालने के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों से पूर्व लिखित अनुमति लेना जरूरी होगा। रात 10.00 बजे से प्रात: 6.00 बजे के बीच लाउडस्पीकर का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित है।
जनसभाएं सुबह 6.00 बजे से पहले और शाम 10 बजे के बाद आयोजित नहीं की जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त, उम्मीदवार प्रचार बंद होने के दौरान जनसभाएं और जुलूस नहीं निकाल सकते।
मतदान के दौरान ये नियम होंगे लागू ?
मतदान के दिन मतदान केंद्र के एक सौ मीटर की दूरी के भीतर वोटों के लिए प्रचार करना निषिद्ध है। मतदान के दिन मतदान केंद्र के आस-पास किसी भी तरह के हथियारों से लैस किसी भी व्यक्ति को हथियार ले जाने की अनुमति नहीं है।
प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से परिवहन के लिए किसी भी प्रकार के वाहन द्वारा किसी भी मतदाता को मतदान केंद्र तक लाने ले जाने के लिए कोई भी व्यवस्था अपराध है।