हाइलाइट्स
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हड़ताल पर जाने वाले जूनियर डॉक्टर देंगे सिर्फ इमरजेंसी सेवा
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अप्रैल 2023 से डॉक्टरों को नहीं मिला स्टाइपेंड, नहीं की वृद्धि
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भोपाल में 600 जूनियर डॉक्टर हैं, हमीदिया अस्पताल में 350
भोपाल। Junior Doctor Strike: अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने मोर्चा खोल दिया है। पिछले चार दिनों से काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे डॉक्टरों ने अब काम बंद हड़ताल का ऐलान किया है।
आज से जूनियर डॉक्टर हड़ताल शुरू कर रहे हैं। प्रदेश में 2500 से ज्यादा डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल की व्यवस्थाएं प्रभावित हो सकती हैं।
बता दें कि जूनियर डॉक्टर (Junior Doctor Strike) अपनी मांगों को लेकर पिछले चार दिनों से काली पट्टी बांधकर काम कर रहे थे। लेकिन सरकार के द्वारा उनकी मांगे नहीं मानी गई।
इस पर जूनियर डॉक्टरों ने आज से काम बंद हड़ताल करने का निर्णय लिया है। जूडा की प्रमुख मांग एजुकेशन फीस कम करने की है। इसको मिलाकर पांच मांगों के निराकरण की मांग डॉक्टर कर रहे हैं।
स्टाइपेंड में नहीं की वृद्धि
जूनियर डॉक्टरों (Junior Doctor Strike) का कहना है कि राज्य सरकार ने जून 2021 में स्टाइपेंड में वृद्धि की थी। इसके साथ ही हर साल अप्रैल माह में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार वार्षिक वृद्धि का प्रावधान किया था।
जबकि अप्रैल 2022 के स्थान पर वृद्धि नवंबर 2022 में हुई। इसके बाद अप्रैल 2023 में कोई वृद्धि नहीं की गई, ये अभी तक अटका हुआ है।
सिर्फ इमरजेंसी सेवा में करेंगे ड्यूटी
जूडा के प्रेसीडेंट ने बताया कि राज्य सरकार के समक्ष लंबे समय से मांगे रखी जा रही हैं, लेकिन मांगों का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
इसके विरोध में पिछले चार दिनों तक काली पट्टी बांधकर काम किया, जिसका असर नहीं हुआ। अब जूडा काम बंद हड़ताल शुरू कर रहे हैं।
इस दौरान केवल इमरजेंसी सेवाएं जूनियर डॉक्टर देते रहेंगे।
भोपाल में 600 जूनियर डॉक्टर
प्रदेश भर में जूनियर डॉक्टर्स (Junior Doctor Strike) की संख्या 2500 से ज्यादा है। इनमें से 600 से ज्यादा डॉक्टर भोपाल में तैनात हैं। भोपाल के हमीदिया अस्पताल में जूडा की संख्या करीब 350 है।
जेपी अस्पताल में भी जूनियर डॉक्टर मौजूद हैं। इनके हड़ताल पर रहने से ओपीडी की व्यवस्थाएं प्रभावित हो सकती हैं। इसके अलावा अस्पताल में भर्ती मरीजों की देखरेख पर भी इसका असर पड़ सकता है।
पहले इतना बढ़ा स्टाइपेंड
बता दें कि जूनियर डॉक्टरों (Junior Doctor Strike) को मिलने वाला स्टाइपेंड हर साल बढ़ाया जाता है। जूडा को जून 2021 में स्टाइपेंड 65000 था।
नवंबर 2022 में स्टाइपेंड 69115 हुआ। इसके बाद से स्टाइपेंड नहीं बढ़ाया गया।
जूनियर डॉक्टरों की ये मांगे
– एमपी में चुनाव में ड्यूटी डॉक्टर का मासिक स्टाइपेंड 1 लाख रुपए प्रति माह किया जाए।
– वार्षिक वेतन वृद्धि का रुका हुआ काम पूरा किया जाए।
– चिकित्सा शिक्षा की फीस बाकी राज्यों की तरह ही 10 हजार से 15000 की जाए एवं यूनिवर्सिटी फीस भी काम हो।
– एमपी के सभी जूनियर डॉक्टरों को 5 साल का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाए।
– मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल डिपार्टमेंट में सीनियर रेजिडेंट्स की सीट बढ़ाई जाए।
– नॉन क्लीनिकल डिपार्टमेंट में भी सीनियर रेजिडेंट्स की सीट लाई जाए।
– मध्य प्रदेश से रूरल सर्विस बॉन्ड को खत्म किया जाए अथवा अगर कोई चिकित्सक रूरल सर्विस पर जाता है तो उसे अतिरिक्त 20,000 वेतन दिया जाए।