हाइलाइट्स
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जूनियर डॉक्टर्स रूरल सर्विस बॉन्ड के विरोध में उतरे
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MP के जूनियर डॉक्टर्स काली पट्टी पहनकर कर रहे काम
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11 मार्च के बाद कर सकते हैं बड़ा आंदोलन, जूडा लेगी फैसला
Junior Doctors: एमपी के शासकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए जूनियर डॉक्टर्स शनिवार से ही काली पट्टी बांध कर काम कर रहे हैं.
जूडा (Junior Doctors MP) 11 मार्च तक काली पट्टी बांधकर काम करेंगे. 11 मार्च के बाद सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर जा सकते हैं.
जूडा की एक प्रमुख मांग रूरल सर्विस बॉन्ड को हटाना है. जुडो एसोसिएशन इसके बाद आगे की रणनीति बनाएगी और बड़ा आंदोलन भी कर सकती है.
इससे अस्पतालों में एक बार फिर मरीजों के लिए परेशानी बड़ सकती है. हालांकि आंदोलन को लेकर अभी एसोसिएशन ने कोई फैसला नहीं लिया है.
रूरल सर्विस बॉन्ड क्या है
रूरल बॉन्ड करने वाले डॉक्टर्स को फिलहाल 59,000 रुपए मिलते हैं. जबकि शहर में SRship (Senior Resident Ship) करने वाले डॉक्टर्स को 80,000 रुपए वेतन मिलता है.
ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों मे जाकर सर्विस देने वाले डॉक्टर्स का नुकसान है. बॉन्ड की समय अवधी भी SRship में सम्मिलित नहीं होती है.
जिसके चलते छात्रों को असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अलग से SRship करनी पड़ती है. जूडो (Junior Doctors) इस बॉन्ड को समाप्त कराने की मांग कर रहे हैं.
स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग
जूडा (Junior Doctors) स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर काली पट्टी बांध कर काम कर रहे हैं. मांगे पूरी नहीं होने पर डॉक्टर्स बड़ें आंदोलन पर जा सकते हैं.
दरअसल जूनियर डॉक्टर्स का 2022 से स्टाइपेंड नहीं बढ़ाया गया इसी की मांग को लेकर वे विरोध कर रहे हैं.
इंदौर, ग्वालियर, भोपाल समेत कई जिलों के मेडिकल कॉलेजों की जूडा एसोसिएशन ने 11 मार्च के बाद आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति बनाएगी.
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जुडो की ये हैं प्रमुख मांग
जूनियर डॉक्टर्स (Junior Doctors) का मासिक स्टाइपेंड 1 लाख किया जाए. इसके साथ ही वार्षिक वेतन वृद्धि का रुका हुआ काम भी पूरा किया जाए.
एमपी में मेडिकल शिक्षा की फीस बाकी राज्यों की तरह ही कम की जाए. साथ ही यूनिवर्सिटी फीस भी कम की जाए.
एमपी में काम करने वाले सभी जूनियर डॉक्टर को 5 सालों का स्वास्थ्य बीमा किया जाए.
मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल डिपार्टमेंट में सीनियर रेजिडेंट्स की सीट बढ़ाई जाएं. इसके साथ ही नॉन क्लीनिकल डिपार्टमेंट में भी सीनियर रेजिडेंट्स के पद भर भर्ती हों.
एमपी से रूरल सर्विस बॉन्ड को खत्म किया जाए. अगर कोई चिकित्सक रूरल सर्विस पर जाता है तो उसे अतिरिक्त 50,000 वेतन दिया जाए.
इन जिलों के डॉक्टर्स काली पट्टी पहनकर कर रहे काम
ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, खंडवा, भोपाल में जूनियर डॉक्टर्स काली पट्टी बांध कर काम कर रहे हैं.
शनिवार को जूडा एसोसिएशन ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री को भी अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है.