हाइलाइट्स
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मोबाइल पर ज्यादा एक्टिव रहना पड़ सकता है भारी
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पति-पत्नी में विवाद के हर दिन आ रहे 6 से 7 नए मामले
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शादी होने के बाद 2 से 3 महीने में ही बिखर रहे रिश्ते
Disadvantages Mobile: अक्सर नवविवाहित युवक, युवती मोबाइल पर घंटों बात करते हैं और इसके बाद मोबाइल के ऐप में पासवर्ड डाल देते हैं। इसके साथ ही मोबाइल की कॉल हिस्ट्री भी डिलीट कर देते हैं। जिसकी वजह से किसी को भी शक होना लाजिमी है। इसका नतीजा फैमिली में कलह होना होता है। जिसकी वजह से रिश्ता टूटने की कगार पर आ जाता है।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) March 10, 2024
कुछ ऐसे ही मामले परिवार परामर्श केंद्र पर लगातार पहुंच रहे हैं। बता दें कि 2023 में ऐसे 1,577 मामले सामने आए थे। इनमें से 1257 केस यानी 80 फीसदी में विवाद का कारण सिर्फ और सिर्फ मोबाइल से जुड़ा था।
आइए सबसे पहले जानते हैं, कि किस तरह परिवार में कलह की वजह बनता है मोबाइल
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मोबाइल में पैटर्न लॉक, हिस्ट्री डिलीट कर दी
मामला थाटीपुर का है, जहां रहने वाली 21 साल की युवती की शादी नवंबर 2023 में दतिया के रहने वाले इंजीनियर से हुई थी। शादी के बाद ससुराल में वह सुबह-शाम घंटो मायके वालों से बात करती थी। इसके बाद मोबाइल से चैट हिस्ट्री डिलीट कर देती थी। मोबाइल की स्क्रीन पर पैटर्न सेट कर रखा था।
मोबाइल की वजह से पति-पत्नी में (Disadvantages Mobile) बहस होने लगी। कुछ समय बाद दोनों ने एक-दूसरे से बात करना कम कर दिया। विवाद इतना बढ़ा कि युवती ने पुलिस में शिकायत कर दी। मामला महिला परामर्श केंद्र में पहुंचा।
परामर्श देने वाली टीम ने दोनों की बातों को सुना। पता चला कि पति-पत्नी में झगड़ा था ही नहीं। दोनों के बीच सिर्फ कम्युनिकेशन गैप था। दोनों एक-दूसरे से बात नहीं कर रहे थे। इस वजह से विवाद गहराता गया। दो बार की काउंसलिंग करने के बाद समझौता हुआ।
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पत्नी मोबाइल में व्यस्त, अलग होने पर अड़ी
ऐसा ही मामला ग्वालियर का है। शादी को सिर्फ 6 महीने ही हुए थे। महिला ने पति पर मारपीट का आरोप लगाया और अलग होने की जिद पर अड़ गई। आपसी विवाद इतना बढ़ा कि दोनों एक-दूसरे का चेहरा तक देखना पसंद नहीं करते थे। केस परामर्श केंद्र में पहुंचा।
पति का कहना था कि मैं दिनभर काम कर जब थका-हारा घर आता हूं, तो देखता हूं कि पत्नी मोबाइल पर ऐसी व्यस्त रहती है कि उसे मेरी तरफ देखने तक की भी फुर्सत नहीं रहती।
पति की यह शिकायत भी थी कि पानी लाकर देना तो दूर, हालचाल तक नहीं पूछती। परामर्श केंद्र में दोनों की काउंसिलिंग की। तीन बार की काउंसिलिंग में साथ रहने को तैयार हो गए। पत्नी ने कहा- अब मोबाइल से ज्यादा जीवनसाथी पर ध्यान दूंगी।
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मोबाइल पर देर रात तक एक्टिव रहना
मामला माधौगंज का है, जहां रहने वाली 23 साल की युवती की शादी को तीन साल हो गए हैं। उसने महिला थाने में पति पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए शिकायत की। परामर्श केंद्र में काउंसिलिंग के दौरान पता चला कि विवाद की असल वजह (Disadvantages Mobile) मोबाइल है।
दरअसल, काम के बाद पति-पत्नी खाली समय में एक-दूसरे को वक्त देने के बजाय मोबाइल में व्यस्त हो जाते थे। नतीजा, उनके बीच आपसी समझ पनप ही नहीं पाई।
इसकी वजह से रिश्तों में दूरियां आती गईं। जिससे एक-दूसरे के प्रति नफरत बढ़ती चली गई। दोनों के मोबाइल अलग रखकर बात कराई। तीन काउंसिलिंग के बाद दोनों साथ रहने के लिए तैयार हो गए। उन्होंने माना कि मोबाइल की वजह से ही उनमें दूरी बढ़ी।
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शादी के 2 से 3 महीने में बिखर रहे रिश्ते
मोबाइल की वजह से टूटने वाले ज्यादातर रिश्ते नई शादी से जुड़े होते हैं, यानी दो से तीन महीने में ही पति-पत्नी में खटपट शुरू हो रही है। वे शादी के तीन से 6 महीने और कभी-कभी तो दो साल तक साथ रहने के बाद भी रिश्ता तोड़ना चाहते हैं। हालांकि, 25 से 30 साल शादी वाले भी केस आ रहे हैं।
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ज्यादातर केस में अपने ही बढ़ा रहे विवाद
नवदंपती जिनकी जीवन यात्रा शुरू होने वाली ही होती है, इसके पहले मोबाइल पर बात करने और प्राइवेसी को लेकर झगड़े होने लगते हैं। खास बात ये भी है कि परिवार के कुछ अपने ही विवाद खत्म कराने के बजाय बढ़ावा दे रहे हैं।
मायके या ससुराल पक्ष के लोग समस्या सुलझाने के बजाय बेटे या बेटी का सपोर्ट करने लगते हैं, जिसकी वजह से विवाद बढ़ जाता है और रिश्तों में दरार आ जाती है।
मोबाइल से टूट रहे रिश्तों से ऐसे बचें
– पति पत्नि के रिश्ते में विश्वास ही सबसे बड़ा होता है, इसे बनाए रखें।
– मोबाइल पर समय देने का टाइम फिक्स करें, ताकि घरेलू कामकाज प्रभावित न हों।
– एक दूसरे और परिवार के लिए वक्त निकालें।
– प्राइवेसी हर किसी का अधिकार है, लेकिन यदि आप चाहें तो अपने मोबाइल पर लॉक न लगाएं।
– यदि लॉक लगा रहे हैं, तो उसके पेटर्न को अपने जीवन साथी के साथ शेयर करें।
मोबाइल की लत से ऐसे बचें
– स्क्रीन टाइम कंट्रोल
– अलर्ट्स को डिसेबल करें
– फिजिकल एक्टिविटी को अपनाएं।
– स्मार्टफोन को दूर रखें।
– स्मार्टफोन-फ्री समय।
– स्मार्टफोन मोड बदलें
– नियमित मेडिटेशन
– मोबाइल को बेड के पास चार्ज न करें।
– हफ्ते में एक दिन बिना फोन के रहें।
– उन ऐप्स को हटा दें जो आपके काम के न हों।
– अपने फोन नोटिफिकेशन को बंद करें।
हर दिन आ रहे 6 से 7 नए मामले
काउंसलर के मुताबिक महिला परामर्श केंद्र में हर दिन 6 से 7 नए केस आ रहे हैं। हर दिन 15 से 18 पुराने मामलों में सुनवाई होती है। कुल मिलाकर हर दिन 20 से 25 केसों में सुनवाई और परामर्श दिया जा रहा है। कई बार केस इतना पेचीदा होता है कि एक ही सुनवाई में दो-दो घंटे तक लग जाते हैं।
15 लोगों की टीम में हर दिन कुछ नए सदस्य काउंसलिंग में शामिल होते हैं, ताकि निष्पक्षता बनी रहे। 2024 में जनवरी में 123 मामले (Disadvantages Mobile) परामर्श केंद्र में पहुंचे। जिनमें से 57 मामलों में समझौता हो गया है। 22 मामले न्यायालय में हैं। 44 मामलों में FIR हो गई है। मामलों का निराकरण करना जारी है।