वायनाड: कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए 39 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की।
जिसमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जैसे दिग्गज नेताओं नाम शामिल हैं।
इस लिस्ट के आने के बाद से ही सबसे पहला सवाल यह उठता है कि कांग्रेस ने राहुल गांधी के लिए वायनाड सीट को ही क्यों चुना।
आईए जानते हैं की इस घोषणा के बाद कांग्रेस को क्या फायदे होंगे।
वायनाड से जीते थे राहुल
राहुल गांधी एक बार फिर केरल की सुरक्षित वायनाड सीट से चुनाव में उतरेंगे।
2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से उतरे राहुल गांधी ने यहां रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी।
हालांकि केरल की वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला राहुल गांधी ने अमेठी की हार के बाद लिया था।
राहुल गांधी भाजपा की स्मृति ईरानी से हार गए थे।
उनकी उम्मीदवारी ने केरल में भी पार्टी की जीत में मदद की थी।
वायनाड सीट का समीकरण
केरल में लोकसभा की कुल 20 सीटें हैं जिनमें वायनाड भी एक सीट है।
जहां वायनाड लोकसभा सीट केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक तीनों प्रांतों को जोड़ती है तो इन तीनों ही प्रांत में कांग्रेस का प्रभाव है।
वायनाड सीट उत्तरी केरल के दो जिलों और सात विधानसभा क्षेत्र में बना है।
वायनाड संसदीय सीट पर एससी मतदाता लगभग 96,172 ( 7.1% ) हैं।
2011 की जनगणना के अनुसार यहां एसटी मतदाता लगभग 123,263 (लगभग 9.1%) हैं।
इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 559,422 है जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 41.3% है। वायनाड सीट पर ईसाई मतदाताओं की संख्या लगभग 185,571 है (लगभग 13.7%) है।
वायनाड संसदीय सीट पर हिंदू मतदाताओं की संख्या लगभग 609,540 है जो लगभग 45% है।
अल्पसंख्यक वोटरों के कारण ही वायनाड सीट राहुल गांधी के लिए सुरक्षित मानी जाती है।
कांग्रेस को क्या होंगे फायदे
वायनाड कांग्रेस की एक सुरक्षित सीट रही है। पार्टी ने इसे पिछले तीन बार बड़े अंतर से जीता है।
यही कारण है कि पार्टी ने इसे राहुल के लिए चुना। जिससे राहुल गांधी की जीत का सिलसिला कायम रहे।
2019 के लोकसभा चुनाव में वायनाड सीट से राहुल जीत गए थे।
उन्होंने इस सीट से सीपीआई उम्मीदवार पीपी सुनीर को 4,31,770 वोटों के अंतर से पराजित किया था।
उन्हें कुल 64.8 फीसदी वोट मिले थे। लेकिन वायनाड से राहुल गांधी का ऐलान कांग्रेस को मजबूती देगा ही, हो सकता है।
राहुल गांधी वायनाड सीट की जीत के साथ, बिखरती हुई कांग्रेस को बचा पाए।
पिछले चुनाव में वायनाड सीट से राहुल को 7.06 लाख वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पीपी सुनीर को कुल 2.74 लाख वोट मिले थे।
2014 में कांग्रेस को मिली सफलता
2014 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने एमआई शानवास को टिकट दिया और उन्होंने सीपीआई उम्मीदवार पीआर सत्यन मुकरी को 20 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
शानवास को कुल 3.77 लाख वोट मिले थे जबकि सत्यन मुकेरी को 3.56 लाख वोट मिले थे।
लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस के एमआई शानवास ने 1.5 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी।
उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार एम रहमतुल्ला को हराया था।
शानवास को 4.10 लाख वोट मिले थे जबकि एम. रहमतुल्ला को 2.57 लाख वोट मिले थे। हार जीत का अंतर 1.53 लाख वोटों का रहा था।
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