हाइलाइट्स
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मादा भालू की पीठ पर सवार दो नन्हें सफेद शावक देखे गए
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रास्ते से गुजर रहे एक राहगीर ने कैमरे में किया रिकॉर्ड
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डोंगरिया गांव के एकलव्य स्कूल के पास का नजारा
Marwahi News: गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले से एक दुर्लभ तस्वीर सामने आई है. जहां मादा भालू की पीठ पर सवार दो नन्हें सफेद शावक देखे गए हैं. इसका वीडियो सामने आया है. वीडियो में दिख रहा है कि काले रंग की मादा भालू अपनी पीठ पर 2 सफेद शावकों को लेकर जा रही है. इस तस्वीर को गौरेला के रहने वाले अभिषेक राजपूत ने अपने कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया.
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अभिषेक ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ जा रहे थे. इसी दौरान डोंगरिया गांव के एकलव्य स्कूल के पास मादा भालू अपने दो शावकों के साथ नजर आई. कुछ दूर जाने के बाद भालू दोनों शावकों के साथ जंगल की ओर चली गई. अभिषेक ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया.
वहीं डीएफओ (DFO) शशि कुमार ने कहा कि वीडियो आने के बाद भालू और दोनों शावकों का पता लगाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ये सफेद भालू वे नहीं जो बर्फीली स्थानों पर पाए जाते हैं. ये वो बीयर हैं, जिनके स्किन का कलर चेंज हो जाता है. बता दें कि इन नन्हें शावकों को एक प्रकार का रोग एलबिनो है, जिसके चलते उनका रंग सफेद है.
मरवाही वनमंडल में करीब 500 भालूओं की मौजूदगी
जानकारी के लिए बता दें कि जिले (Marwahi News) के गंगनई, करहनिया, सेमरदर्री, माड़ाकोट, चिल्हान नाका, लोहारी मरवाही के जंगलों में काफी संख्या में भालू पाए जाते हैं. एक अनुमान है कि मरवाही वनमंडल में लगभग 500 भालू हैं. इन्हीं में से कुछ सफेद रंग के भालू भी पाए जाते हैं.
जानकारी के मुताबिक साल 1987, 1992, 1999, 2008 और 2020 में भी इन इलाकों (Marwahi News) में सफेद भालू देखे गए थे. ये इलाका भालुओं का प्राकृतिक रहवास है. यहां जामुन, महुआ, तेंदू और शहद होने के चलते इस इलाके में रहना भालुओं को पसंद है. मरवाही वन मंडल के एक सफेद भालू को बिलासपुर के चिड़ियाघर कानन पेंडारी में भी रखा गया है.
मरवाही के सफेद भालुओं को कहा जाता है एलबिनो
आपको पता ही होगा कि सफेद भालू मुख्य रूप से ध्रुवीय क्षेत्रों में रहते हैं. भारत में पाए जाने वाले अधिकतर भालू काले ही होते हैं. जो सफेद भालु मरवाही वनमंडल में पाए जाते हैं उनको एलबिनो कहा जाता है. दरअसल ऐल्बिनिज़म उन कोशिकाओं का परिणाम है, जो मेलानिन का उत्पादन नहीं कर सकते. जिसके चलते भालुओं के त्वचा, आंखों और बालों का रंग सफेद हो जाता है. जब ऐल्बिनिज़म मौजूद होता है, तो जानवर सफेद या गुलाबी दिखाई दे सकता है.
एक जानवर पूरी तरह से एल्बिनो या ल्यूसिज्म हो सकता है. शुद्ध एल्बिनो में जानवरों की नाखून, आंखें, त्वचा या शल्क गुलाबी होंगे. गुलाबी रंग त्वचा के जरिए दिखने वाली ब्लड वेसेल्स से आता है. ल्यूसिज्म वाले जानवरों में अधिकतर विशिष्ट लेकिन हल्के रंग के पैटर्न हो सकते हैं.
देखें वीडियो-