हाइलाइट्स
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एनजीटी ने 12 सितंबर 2023 को क्रूज और मोटर बोट के संचालन पर लगाई थी रोक
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मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने एनजीटी के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
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सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार नहीं कर पहली सुनवाई में ही सिरे से कर दिया खारिज
Cruise Boat Ban: मध्य प्रदेश के तालाबों और नदियों में क्रूज-बोट अब नहीं दिखेंगे। दरअसल टूरिज्म डिपार्टमेंट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने टूरिज्म बोर्ड की उस अपील को खारिज (Mp Tourism Board Petition Reject) कर दिया, जिसमें वॉटर बॉडी में क्रूज और मोटर बोट चलाने की अनुमति मांगी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश को बरकरार रखा है।
SC ने अपील पर व्यक्त किया आश्चर्य
टूरिज्म बोर्ड की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त किया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Order) की बेंच ने कहा कि राज्य में विभिन्न झीलों को बचाने के लिए एनजीटी द्वारा एक प्रयास किया गया है।
हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम झीलों की सुरक्षा के लिए एनजीटी द्वारा जारी निर्देश से कैसे नाराज हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपील को स्वीकार ही नहीं किया
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच में 4 मार्च, सोमवार को एमपी टूरिज्म बोर्ड की अपील पर पहली सुनवाई थी।
लेकिन बेंच ने अपील को स्वीकार ही नहीं किया और इसे खारिज कर दिया। अपीलकर्ता अपने तर्कों से बेंच को संतुष्ट नहीं कर सके।
NGT का ये था आदेश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सेंट्रल जोन बेंच ने 12 सितंबर 2023 को भोपाल के बड़े तालाब, नर्मदा समेत प्रदेश की किसी भी वॉटर बॉडीज पर क्रूज और मोटर बोट के संचालन पर रोक (Cruise Boat Ban) लगा दी थी।
NGT ने डीजल इंजन से निकलने वाले उत्सर्जन को इंसानों समेत जलीय जीवों के लिए खतरा बताते हुए इन्हें बंद करने का आदेश दिया है। टूरिज्म बोर्ड ने इसी आदेश को चैलेंज किया था।
सुप्रीम कोर्ट की दो महत्वपूर्ण टिप्पणियां
1- टूरिज्म बोर्ड ने तर्क दिया कि अन्य 6 रामसर साइट में क्रूज और मोटर बोट (Cruise Boat Ban) का संचालन हो रहा है तो फिर केवल एक ही रामसर साइट (भोपाल का बड़ा तालाब) पर रोक लगाना गलत है। इस पर बेंच ने कहा कि हम वहां भी इसे रोक देंगे।
2- टूरिज्म बोर्ड ने मुद्दा उठाया कि ऐसे तो फिर टूरिज्म को कैसे बढ़ावा मिलेगा। जिस पर बेंच ने कहा कि अधिक झीलें होंगी तो वे पर्यटक को अधिक आकर्षित करेंगी। टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इनका संरक्षण बेहद जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब क्या होगा असर
सुप्रीम कोर्ट ने टूरिज्म बोर्ड की अपील को खारिज कर दिया है। ऐसे में अब डीजल या पेट्रोल इंजन से चलने वाली मोटर बोट, क्रूज और वॉटर स्कूटर (Cruise Boat Ban) पर अब पूरी तरह से पाबंदी लग गई है।
एमपी में ओमकारेश्वर, भोपाल का बड़ा तालाब, हनुमंतिया, गांधी सागर, तवा रिसोर्ट जैसे अन्य टूरिज्म स्पॉट पर ये तत्काल प्रभाव से हटा दी जाएंगी।
तो क्या अब पर्यटक बोटिंग का नहीं उठा सकेंगे लुत्फ
ऐंसा नहीं है, एनजीटी ने अपने आदेश में डीजल इंजन से होने वाले वॉटर बॉडीज के प्रदूषण (Water Bodies Polluted) को देखते हुए क्रूज और मोटर बोट (Cruise Boat Ban) पर पाबंदी लगाई है।
पैडल बोट पहले की तरह वॉटर बॉडीज में चलती रहेंगी। पर्यटक इनका पहले की तरह ही लुत्फ उठाते रहेंगे।
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पूरे देश पर होगा आदेश का असर
NGT में याचिकाकर्ता पर्यावरणविद् डॉ. सुभाष सी. पांडे ने बंसल न्यूज डिजिटल से कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश ऐतिहासिक है। वॉटर बॉडी को बचाने के लिए तरह का यह पहला फैसला होगा।
इसका असर सिर्फ मध्य प्रदेश तक नहीं रहेगा। बल्कि इस फैसले को कोट कर गंगा, ब्रह्मपुत्रा और कावेरी जैसी नदियों को बचाने के लिए भी याचिकाएं लगाई जाएगी। जिससे उनका संरक्षण हो सके।