हाइलाइट्स
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20 साल पहले दंपती को बदला हुआ मृत बच्चा अस्पताल ने दिया था
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अपना बच्चा पाने दंपती ने दो साल पहले की थी शिकायत
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इस बच्चे की भी 20 साल की उम्र में 8 माह पहले हो चुकी मौत
जशपुर। Demand DNA Test of Child: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एक दंपती ने अपने गांव के ही एक बच्चे की शक्ल उनसे मिलने पर डीएनए टेस्ट कराने की मांग की है।
जिसकी शिकायत लेकर अंबिकापुर में आयोजित महिला आयोग की जनसुनवाई में जशपुर से आए परिवार ने की है। मामले की जांच और डीएनए टेस्ट (Demand DNA Test of Child) को लेकर महिला आयोग ने कलेक्टर को पत्र लिखा है।
जानकारी के अनुसार 20 साल पहले एक ही अस्पताल में एक ही गांव की दो प्रसूताओं की डिलीवरी हुई थी। इस दौरान शिकायतकर्ता की की पत्नी की भी डिलीवरी हुई थी।
जहां शिकायतकर्ता दंपती को मृत नवजात अस्पताल से दिया गया। जबकि दूसरी दंपती को बेटा दिया। उस समय बच्चों की अदला-बदली जैसी कोई घटना सामने नहीं आई थी। इसके चलते शिकायतकर्ता दंपती ने कोई एक्शन नहीं लिया था।
बच्चा बड़ा हुआ तो मिली शक्ल
अस्पताल में डिलीवरी के बाद दोनों दंपती अपने-अपने घर पहुंचे, जहां एक परिवार में बेटा होने की खुशी थी, तो दूसरे परिवार में मातम का माहौल था।
समय बीतता गया और जब बच्चा किशोर हुआ तो शिकायतकर्ता दंपती से उसकी शक्ल मिलने लगी।
इसके बाद दंपती ने शंका जाहिर की और इसकी शिकायत कर बच्चे को पाने की इच्छा जाहिर की। लेकिन उन्हें दो साल तक बच्चे का अधिकार प्राप्त नहीं हुआ।
दो साल पहले की थी शिकायत
दंपती ने उस बच्चे की शक्ल (Demand DNA Test of Child) अपने से मिलने की शिकायत दो साल पहले की थी। जब बच्चा 18 साल की उम्र का था।
इस शिकायत पर एक्शन नहीं लिया गया और शिकायत दो साल तक पेंडिंग में ही रही। इसके बाद बुधवार को दंपती ने महिला आयोग को पूरे मामले की जांच करने की मांग की।
महिला आयोग ने इस मामले की जांच को लेकर कलेक्टर को भी पत्र लिखा है।
बेटे से नहीं मिल पाए दंपती
बता दें कि पहला बच्चा (Demand DNA Test of Child) 20 साल पहले ही दंपती ने अस्पताल में जन्म के दौरान ही खो दिया था। अब जब उसी दिन जन्मे बच्चे की शक्ल दंपती से मिलने पर उसे पाने के लिए शिकायत की गई तो, शिकायत पर जांच दो साल तक चलती रही।
अब करीब 8 माह पहले इस बेटे की भी मौत हो गई। जिस बच्चे पर दंपती दावा कर रही थी, दरअसल उसकी मौत 20 साल की उम्र में हो गई है।
इसाई धर्म में पला-बढ़ा बच्चा
बता दें कि दंपती ने जिस बच्चे (Demand DNA Test of Child) की डिमांड और अपना खून होने का दावा दो साल पहले किया था, उसकी मौत 8 माह पहले 15 जून 2023 को हो गई है। बच्चा ईसाई धर्म में पला बढ़ा है। इसके चलते उसका अंतिम संस्कार भी ईसाई धर्म के अनुसार किया गया है।
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इसलिए डीएनए टेस्ट की मांग
दंपती ने महिला आयोग की जनसुनवाई में शिकायत की है कि मृत युवक के शव के अवशेष का डीएनए टेस्ट (Demand DNA Test of Child) कराया जाए।
इससे साबित हो सके कि वह बच्चा शिकायतकर्ता दंपती का है। जो कि 20 साल पहले अस्पताल में बदला गया था। इस पर आयोग ने आवश्यक कार्यवाही के लिए जशपुर कलेक्टर को पत्र लिखा है।