हाइलाइट्स
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लगाई फटकार
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केंद्र ICG के मामले में पितृसत्तात्मक क्यों?: CJI
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महिलाओं को सरकार स्थायी कमीशन दे वरना हम आदेश देंगे: CJI
Supreme Court On ICG: सुप्रीम कोर्ट में महिला कोस्ट गार्ड अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के मामले में दायर एक याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. इस दौरान सीजीआई डी वाई चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि सरकार ICG में महिलाओं को स्थायी कमीशन दे नहीं तो हम आदेश जारी करेंगे.
ICG के महिला क्रू की सदस्य ने दायर की थी याचिका
ICG की क्रू मेंबर रहीं प्रियंका त्यागी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी याचिका में ICG में 10 सालों की शॉर्ट सर्विस को आधार बनाते हुए स्थायी कमीशन की मांग की है. जिसपर मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई की. मामले (Supreme Court On ICG) की अगली सुनवाई 1 मार्च को है.
सरकार के वकील ने ये पक्ष रखा
केंद्र की ओर से अटार्नी जनरल (AG) वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारतीय सेना, भारतीय नौसेना से ICG थोड़ा अलग काम करता है. इसी कारण उन्हें स्थायी कमीशन नहीं दिया जा रहा है. AG वेंकटरमणी ने कहा कि महिलाओं को ICG में कमीशन देने के लिए बोर्ड का गठित किया गया है. इसमें संरचनात्मक बदलाव की जरूरत है, जो अभी प्रोसेस में है.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने लगाई फटकार
केंद्र सरकार के जवाब पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये सभी कार्यक्षमता आदि तर्क 2024 में कोई मायने नहीं रखते हैं. महिलाओं को इस तरह का तर्क देकर वंचित नहीं रखा जा सकता. अगर आप नहीं निर्णय कर सकते हैं तो हम आदेश जारी करेंगे. महिलाओं को स्थायी कमीशन दे सरकार नहीं तो हम आदेश पारित करेंगे.
पहले भी केंद्र का रवैये पर उठे थे सवाल
20 फरवरी को हुई सुनवाई में CJI ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि इतने पितृसत्तात्मक क्यों हैं? महिलाओं को ICG क्षेत्र में नहीं देखना चाहते, आपके पास नौसेना में महिलाएं हैं तो ICG में ऐसा क्या खास है, जो महिलाएं नहीं हो सकतीं? हम महिलाओं के लिए सभी रास्ते खोलेंगे. जब महिलाएं सीमाओं की रक्षा कर सकती हैं तो महिलाएं तटों की भी रक्षा कर सकती हैं.