हाइलाइट्स
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26 फरवरी 2019 को भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में किया एयरस्ट्राइक
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‘वीर चक्र’ और शौर्य चक्र से सम्मानित हो चुके हैं अभिनंदन
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सरकार ने रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) जैसी पहल को संशोधित किया
Balakot Air Strike: आज बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Air Strike) के 5 साल पूरे हो गए हैं।
बता दें, 26 फरवरी 2019 को भारत की तरफ से पाकिस्तान पर हमला किया गया। यह हमला पुलवामा में 12 दिन पहले किए गए आतंकी हमले का बदला था।
सरकारी दावे के मुताबिक, इसमें तकरीबन 300 आतंकी मारे गए थे। आइए जानते हैं, इन पांच सालों में भारतीय वायुसेना की ताकत कितनी बढ़ी और कहां हैं बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Air Strike) के हीरो अभिनंदन।
क्या कर रहें हैं अभिनंदन
बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Air Strike) के हीरो अभिनंदन को उनकी वीरता के लिए 2021 में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उन्हें ‘वीर चक्र’ से सम्मानित किया था, इससे पहले वे शौर्य चक्र से सम्मानित किए जा चुके हैं।
बता दें अभिनंदन श्रीनगर के 51 स्क्वाडर्न का हिस्सा रहे हैं। वहीं उनकी वायुसेना की ट्रेनिंग भटिंडा और हलवारा से हुई है। हालांकि वायुसेना के सारे मिशन गुप्त रखे जाते हैं।
कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Air Strike) के हीरोअभिनंदन वर्धमान इस वक्त किसी खास मिशन पर काम कर रहे हैं।
करियर में तीन बार प्रमोट हुए
अभिनंदन वर्धमान अपने करियर में तीन बार पदोन्नत हुए। इस दौरान उन्हें सबसे पहले एक कुशल सुखोई 30 फाइटर पायलट का खिताब मिला। बाद में उनके युद्ध कौशल को देखते हुए, उन्हें विंग कमांडर (Wing Commander) के रूप में पदोन्नत किया गया।
बालाकोट एयरस्ट्राइक ((Balakot Air Strike) ) के इस हीरो को मिग 21 (MiG 21) भी दिया गया था। वहीं 2021 में उन्हें ग्रुप कैप्टन रैंक प्रदान की गई । बता दें, भारतीय सेना में ग्रुप कैप्टन की रैंक कर्नल के बराबर होती है।
इतनी बढ़ गई भारतीय वायुसेना की ताकत
बीते सालों में सरकार ने देश में डिफेंस इंडस्ट्रीज को मजबूत करने के लिए रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) जैसी पहल को संशोधित किया।
वहीं, सेनाओं को आधुनिक बनाने के लिए कई हाई-प्रोफाइल एक्विजिशन किए जिनमें फ्रांस से राफेल जेट, रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम और अमेरिका से अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टरों की खरीद शामिल हैं।
बता दें बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Air Strike) के बाद वायुसेना में राफेल, एसयू-30, मिराज 2000, एमकेआई, मिग-29, तेजस और हॉक सहित भारतीय वायुसेना के यह लड़ाकू विमान दुश्मनों के ठिकानों को नष्ट करने में माहिर है।
ये हैं भारतीय वायु की सबसे बड़े लड़ाकू विमान
डसॉल्ट राफेल: जून 2022 तक, 36 राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना की सेवा में हैं।
सुखोई Su-30MKI: अतिरिक्त हवा से जमीन पर (स्ट्राइक) मिशन क्षमता के साथ, IAF का प्राथमिक वायु श्रेष्ठता लड़ाकू विमान , सुखोई Su-30MKI है। 260 Su-30MKI सेवा में हैं।
मिकोयान मिग-29: मिग-29, जिसे बाज़ ( हॉक के लिए हिंदी ) के नाम से जाना जाता है, एक समर्पित वायु श्रेष्ठता लड़ाकू विमान है, जो Su-30MKI के बाद भारतीय वायुसेना की रक्षा की दूसरी पंक्ति है। सेवा में 69 मिग-29 हैं, जिनमें से सभी को हाल ही में मिग-29UPG मानक में अपग्रेड किया गया है, 2016 में शेष 21 मिग-29 को UPG मानक में अपग्रेड करने का निर्णय लिया गया था।
डसॉल्ट मिराज 2000: मिराज 2000, जिसे भारतीय सेवा में वज्र ( संस्कृत में हीरा या वज्र) के नाम से जाना जाता है। भारतीय वायुसेना वर्तमान में 49 मिराज 2000H और 8 मिराज 2000 TH संचालित करती है।
एचएएल तेजस: आईएएफ मिग-21 को घरेलू स्तर पर निर्मित एचएएल तेजस द्वारा रिप्लेस किया जाना है। फरवरी 2021 में, भारतीय वायु सेना ने 83 तेजस का ऑर्डर दिया, जिसमें 40 मार्क 1, 73 सिंगल-सीट मार्क 1ए और 10 दो-सीट मार्क 1 ट्रेनर शामिल थे।
SEPECAT जगुआर: जगुआर, जिसे शमशेर के नाम से जाना जाता है, भारतीय वायुसेना के प्राथमिक जमीनी हमले बल के रूप में कार्य करता है। भारतीय वायुसेना वर्तमान में 139 जगुआर संचालित करती है।