हाइलाइट्स
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यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने खिलाड़ियों के हित में रखी शर्तें
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बिना भेदभाव के खेल आयोजनों में भेजे जाएं खिलाड़ी
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WFI को 1 जुलाई से पहले कराने होंगे चुनाव
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चुनाव में अध्यक्ष के लिए वोट सिर्फ खिलाड़ी ही करेंगे
UWW Removes WFI Ban: भारतीय कुश्ती संघ (WFI) में समय पर चुनाव न कराने और खिलाड़ियों के प्रदर्शन के बाद यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने बैन लगा दिया था. जिसे अब शर्तों के साथ हटाया गया है. UWW ने WFI से बैन हटाते हुए कहा कि वह प्रदर्शनकारी पहलवानों बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के खिलाफ भेदभावपूर्ण कार्रवाई ना करे.
पांच महीने तक कुश्ती संघ पर लगा रहा बैन
यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने पिछले साल 23 अगस्त को उसे भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया था. पांच महीने तक कुश्ती संघ पर ये बैन लगा रहा. इसके बाद 13 फरवरी को यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने बैन हटा दिया. इसके साथ ही उसने पहलवानों के हित में कुश्ती संघ के सामने कुछ शर्तें भी रखी. बताते चलें (UWW) विश्व कुश्ती की सर्वोच्च संस्था है.
यौन शोषण के आरोपों से उबरने की कोशिश में WFI
डब्ल्यूएफआई यौन उत्पीड़न कांड से उबरने की कोशिश कर रहा है. पिछले साल दिसंबर में कुश्ती संघ को बड़ा झटका तब लगा था. जब खेल मंत्रालय ने संस्था को निलंबित कर दिया था. साथ ही इसके द्वारा चुने गए अधिकारियों को भी बर्खास्त कर दिया गया था. उस समय डब्ल्यूएफआई ने तत्कालीन अध्यक्ष, बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की थी.
बृजभूषण ने यौन शोषण के आरोपों के बाद दिया था इस्तीफा
बृजभूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे. इन आरोपों के बाद कई दिनों तक खिलाड़ियों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था. इसके बाद बृजभूषण ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे के बाद से ही पद खाली था और 21 दिसंबर को हुए चुनाव में संजय सिंह महासंघ के अध्यक्ष चुने गए थे. संजय सिंह बृजभूषण के करीबी थे इस कारण उन्हें भी सरकार ने अध्यक्ष पद से हटा दिया.
UWW की चुनाव के लिए शर्तें
- UWW ने चुनाव के लिए भारतीय कुश्ती संघ के सामने शर्तें रखीं कि वे फिर से चुनाव आयोजित करें. इसमें आयोग के उम्मीदवार सक्रिय खिलाड़ी होंगे या चार साल से अधिक समय से सेवानिवृत्त नहीं होंगे.और मतदाता सिर्फ खिलाड़ी ही होंगे.
- चुनाव किसी सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान किया जा सकता है, लेकिन चुनाव 1 जुलाई, 2024 से पहले आयोजित कराने होंगे.
- UWW ने WFI से लिखित गारंटी भी मांगी जिसमें सभी पहलवानों को संघ के सभी आयोजनों, विशेष रूप से ओलंपिक और किसी भी प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए बिना किसी भेदभाव के भाग लेने दिया जाएगा.
- जिन खिलाड़ियों के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा उनमें वह तीन पहलवान भी शामिल हैं जिन्होंने पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के कथित गलत कामों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.
- UWW का ये फैसला पेरिस ओलंपिक से पहले भारतीय पहलवानों के लिए बड़ी राहत है. भारतीय पहलवान अब अगले यूडब्ल्यूडब्ल्यू के आयोजन में देश का प्रतिनिधित्व करते दिखाई देंगे.