हाइलाइट्स
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ऋतुराज बसंत के आगमन का पर्व बसंत पंचमी आज।
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बाबा महाकाल की भस्म आरती में मनाया गया बसंतोत्सव।
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बाबा महाकाल का किया गया श्रृंगार।
Mahakal Temple Ujjain: ऋतुराज बसंत के आगमन का पर्व बसंत पंचमी आज मनाया गया। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में बसंत पंचमी के अवसर पर तड़के 4 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। इसके बाद बाबा महाकाल को जल से स्नान कराया गया।
इसके बाद पंडे पुजारियों ने दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से बाबा महाकाल का अभिषेक पूजन किया। इस अवसर पर भगवान को पीतांबर धारण कराकर वासंती फूलों से किया शृंगार सरसों के पीले पुष्प अर्पित कर माता सरस्वती के स्वरूप में भगवान महाकाल का श्रृंगार किया गया।
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भगवान महाकाल के मस्तक पर रजत चंद्र मुकुट और आभूषणों के साथ सुगंधित सरसों के पीले पुष्प और वस्त्र अर्पित कर श्रृंगार किया गया। इसके साथ ही भस्म आरती के समय महाकाल का भांग, चंदन, सिंदूर के साथ शेषनाग का रजत मुकुट धारण कर रजत की मुंडमाला और रजत जड़ी रुद्राक्ष की माला अर्पित की गई।
बाबा महाकाल को भगवान को केसरिया पकवानों का लगाया भोग फल और मिष्ठान का भोग लगाया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की तरफ से भगवान महाकाल की भस्म अर्पित की गई। पुष्टिमार्गीय वैष्णव मंदिरों में बसंत पंचमी से 40 दिवसीय फाग उत्सव की शुरुआत हो चुकी है।