हाइलाइट्स
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नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों में फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम
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एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से एडमिशन ले सकेंगे छात्र
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यूनिवर्सिटी ने प्रवेश परीक्षा के लिए सरकार को भेजा प्रस्ताव
MP Nursing College Scam: मध्य प्रदेश के नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों में एडमिशन में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए जबलपुर मेडिकल विश्वविद्यालय ने पहल की है. अब छात्र-छात्राएं एंट्रेंस एग्जाम के जरिए ही नए सत्र में एडमिशन ले सकेंगे. यूनिवर्सिटी ने सत्र 2024-25 से प्रवेश परीक्षा के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है. दरअसल प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा (MP Nursing College Scam) छात्रों के भविष्य के लिए चिंता का विषय बन गया है. कई कॉलेज छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. प्रदेश में नर्सिंग और पैरामेडिकल के लगभग 500 कॉलेज हैं. नर्सिंग कॉलेजों में BSC नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों में डीएमएलटी, बीएमएलटी सहित अन्य कोर्स में प्रवेश मिलेगा. नए सत्र से कॉलेज अपनी मर्जी से सीटें नहीं भर पाएंगे.
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि अगर नर्सिंग काउंसिल और पैरामेडिकल प्रवेश परीक्षा कराने के लिए तैयार नहीं होगा, तो विवि खुद एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करेगा. प्रवेश परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थी काउंसिलिंग में हिस्सा ले सकेंगे. इसको लेकर डीएमई, डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि इन कॉलेजों में नए सत्र से एडमिशन प्रवेश परीक्षा के जरिए होंगे. मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से एंट्रेंस एग्जाम कराने के प्रस्ताव में एक माह में फैसला होगा. कॉलेजों में नया सत्र 1 अगस्त 2024 से शुरू होगा. जिसको लेकर आईएनसी ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. एडमिशन की अंतिम तिथि 30 सितंबर है. विवि को प्रवेश परीक्षा जून-जुलाई तक आयोजन करना पड़ेगा, ताकि काउंसलिंग के लिए 2-3 माह मिलें.
छात्र-छात्राओं के हित में फैसला
प्रदेश में अब तक मेडिकल डेंटल और आयुष कॉलेजों में ही प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम होता था. नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा (MP Nursing College Scam) होने से छात्र फर्जी कॉलेजों में प्रवेश लेने से बच जाएंगे. छात्रों को मेरिट के आधार पर ही एडमिशन मिलेगा. यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. पुष्पराज सिंह बघेल ने बताया कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल के निर्देशानुसार नर्सिंग कोर्स में 100 फीसदी प्रवेश एंट्रेंस टेस्ट से करने की तैयारी है. अभी केवल सरकारी नर्सिंग कॉलेजों के लिए प्री-नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट (PNST) आयोजित होता है. अब सभी नर्सिंग कॉलेजों और पैरामेडिकल कॉलेजों के लिए एंट्रेंस टेस्ट कराने का फैसला लिया है.
क्या है नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामला ?
MP लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने साल 2021 में हाईकोर्ट में मामला (MP Nursing College Scam) दायर किया था. जिसमें प्रदेश में फर्जी तरीके से संचालित नर्सिंग कॉलेजों को चुनौती दी गई. याचिका में कहा गया कि कई ऐसे नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दी गई, जो वास्तविकता में सिर्फ कागज में संचालित हो रहे हैं. ज्यादातर कॉलेजों की निर्धारित स्थल में बिल्डिंग तक नहीं बनी है. कुछ कॉलेज तो सिर्फ चार-पांच कमरों में ही संचालित हो रहे हैं. ऐसे कॉलेज में प्रयोगशाला सहित अन्य आवश्यक साधन नहीं है. मामले को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जनवरी 2024 में सीबीआई को नर्सिंग कालेज फर्जीवाड़े की जांच के आदेश दिए थे.
साल 2020 के बाद फर्स्ट ईयर के छात्रों की नहीं हुई परीक्षा
आपको बता दें कि नर्सिंग कोर्स में एडमिशन लेने वाले करीब दो लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं की साल 2020 के बाद से अब तक फर्स्ट ईयर की परीक्षा नहीं हो सकी है. नर्सिंग काउंसिल से जुड़े हुए कॉलेज की जांच (MP Nursing College Scam) अभी लंबित है. हाईकोर्ट को बताया गया कि अभी सिर्फ 364 नर्सिंग कॉलेज (Nursing College) की जांच सीबीआई ने की है. प्रदेश में पिछले तीन सालों में लगभग 700 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज खुले हैं.