जबलपुर।MP News: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में नियमित डीन की नियुक्ति के आदेश दिए है। सरकार को इस आदेश का पालन करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है।
जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने मामले की सुनावई करते हुए साफ कहा कि एमपी मेडिकल एजुकेशन सर्विस रिक्रूटमेंट रूल के तहत प्रभारी डीन को नियुक्ति प्रक्रिया रोकने का अधिकार नहीं है।
कोर्ट ने कही ये बात
डीन के पद पर प्रभारी रूप से बने रहना और अधिकृत रूप से नियुक्ति में फर्क है। मेडिकल एजुकेशन विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी ने इस मामले में सरकार की तरफ से हलफनामा पेश करते हुए बताया कि सभी मेडिकल कॉलेजों में डीन की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई है। शासन की ओर से अंडरटेकिंग दे दी गई है। तय समय सीमा में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
पिछले साल जारी किया था नोटिस
दरअसल, हाईकोर्ट ने सरकार को पिछले साल नोटिस जारी कर पूछा था कि पूर्व निर्देश के बावजूद मेडिकल कॉलेज में पूर्णकालिक डीन की नियुक्ति क्यों नहीं की गई है।
प्रोफेसर डॉ संजय कुमार ने लगाई थी याचिका
सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर के पैथोलॉजी विभाग में प्रोफेसर डॉ संजय कुमार तोतड़े ने याचिका दायर कर कहा था कि वे कॉलेज के सबसे वरिष्ठ प्राध्यापक हैं, इसके बावजूद उनसे कनिष्ठ डॉ गीता को प्रभारी डीन बनाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी कि डॉ गीता कई ऐसे नीतिगत और वैधानिक फैसले ले रही हैं, जो उन्हें सौंपे गए कर्तव्यों की प्रकृति के विपरीत हैं।
कोर्ट ने जबाव दायर करने को कहा
उनका दर्जा एक्टिंग डीन का है, ऐसे में उन्हें व्यापक प्रभाव वाले नीतिगत और वैधानिक निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन से उक्त आरोपों व डीन की पूर्णकालिक नियुक्ति के संबंध में जवाब पेश करने कहा था।