हाईलाइट
- मप्र हनी ट्रैप मामले में सुनावई आज
- आदर्श कटियार केस के नए SIT चीफ बने
- सरकार कोर्ट में जबाव दाखिल करेगी
MP News: मध्यप्रदेश का सबसे चर्चित सेक्स स्कैंडल ‘हनी ट्रैप’ केस एक बार फिर चर्चा में है। मोहन सरकार ने SIT चीफ के रूप में आदर्श कटियार को चुना गया है। आदर्श कटियार को एक साफ छवि वाला अधिकारी माना जाता है। SIT चीफ के रूप में नियुक्त होने के बाद कटियार की पहली परीक्षा 29 जनवरी यानी आज इंदौर कोर्ट में होगी। क्योंकि आज इंदौर कोर्ट में मामले की सुनवाई होनी है।
हनीट्रैप मामले में हो सकते हैं बड़े खुलासे, चार साल बाद फिर खुलेंगी बंद फाइलें | Bhopal News
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क्या था मामला?
हनी ट्रैप मामला सितंबर 2019 में सामने आया था, जब एमपी में कमलनाथ की सरकार थी। इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन ने इंदौर के पलासिया थाने में केस दर्ज करवाया था कि उन्हें अश्लील वीडियो भेजकर 3 करोड़ रुपए की मांग की गई है। 31 अक्टूबर 2020 को SIT का गठन हुआ था। कांग्रेस ने इसे सियासी मुद्दा भी बनाया था।
कमलनाथ कैसे संबंधित है केस ?
हनीट्रैप केस में अब 29 जनवरी को इंदौर कोर्ट में सुनवाई होनी है। सरकार को कोर्ट को जवाब देना है कि कमलनाथ को जो नोटिस भेजा था, उस पर क्या कार्रवाई हुई? दरअसल, 21 मई 2021 को प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा था कि उनके पास इस केस की पूरी सीडी और पेन ड्राइव है।
इस पर आरोपियों के वकील ने पूछा था कि ये पेन ड्राइव उनके पास कैसे पहुंची? इस पर SIT इंस्पेक्टर शशिकांत चौरसिया ने कोर्ट कहा था कि कमलनाथ को पेनड्राइव लौटाने के लिए नोटिस भेजा गया है।
29 तारीक को कई सवालों के जवाब मिलेंगे
अब 29 जनवरी को होने वाली पेशी में SIT को जवाब देना है कि कमलनाथ के पास पेन ड्राइव कैसे आई? और भी इससे जुड़े सवाल? नोटिस मिलने के बाद कमलनाथ ने आगे कहा था कि उन्होंने सिर्फ 29 सेकेंड की क्लिप देखी है। इसके अलावा केस के मुख्य आरोपियों पर बात होगी। इसका मतलब कि जांच में जो आरोपियों के खिलाफ सबूत मिले हैं, उनके आधार पर केस आगे बढ़ाएँ या नहीं। इसके बाद केस की पेशी शुरू होगी।
बता दें कि इस मामले में SIT ने कहा था कि एसआईटी चीफ विपिन माहेश्वरी रिटायर हो चुके हैं, अब नए SIT चीफ बनने के बाद ही जबाव दाखिल किया जाएगा।
29 जनवरी को इस मामले में आरोपों पर बहस होगी। सरकार की तरफ से ये कहा जाएगा कि उन्हें जो सबूत मिले हैं, उनके आधार पर आरोपियों पर केस चालाया जाए। इसके बाद केस की इंदौर कोर्ट में सुनवाई होगी।
अब तक हुई सुनवाई में क्या-क्या हुआ
हनी ट्रैप मामले में 16 लोगों की गवाही हो चुकी है। SIT ने जनवरी महीने की सुनवाई में कहा था कि वे टेलीकॉम अफसर की गवाही दिलवाना चाहते हैं, जिससे स्पष्ट हो सके कि पीड़तों की किन-किन लोगों से बात हुई। आरोपियों के वकीलों का है कि सरकार ने 3 साल तक टेलीकॉम अधिकारी की गवाही क्यों नहीं कराई?
वहीं 2019 में जब हनीट्रैप का खुलासा था इसके एक हफ्ते बाद भोपाल में भी हनी ट्रैप का मामला दर्ज हुआ। पिछले साल 15 मई को इस मामले में भी सुनवाई हुई थी। SIT ने भोपाल कोर्ट में सीडी पेश की थी।
एसआईटी हेड एडीजी विपिन माहेश्वरी के पत्र के साथ वीडियो वाली ये हार्ड डिस्क भोपाल में जज स्मृता सिंह ठाकुर की कोर्ट में पेश की गई है. एसआईटी ने इस केस में भोपाल की श्वेता विजय जैन और आरती दयाल के खिलाफ मानव तस्करी का केस दर्ज किया था.
एक नजर पूरे केस पर
पहली बार मप्र के इंदौर जिले से हनी ट्रैप केस का खुलासा हुआ। तब राज्य में कमलनाथ की सरकार थी। कांग्रेस सरकार में मुख्य सचिव की भूमिका में एसआर मोहंती नियुक्त थे। इस मामले में सरकार की हाई लेवल मीटिंग हुई।
इसके बाद आरोपियों के घर पर एटीएस ने दबिश दी। उस वक्त पुलिस ने कुछ महिला आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था। साथ ही घरों तलाशी में पुलिस को हार्ड डिस्क और कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स मिले थे। इनमें कुछ आपत्तिजनक वीडियो पाए गए थे।
इससे बाद राज्य में 2020 में शिवराज सरकार आई। फिर हनी ट्रैप मामले की जांच धीमी पड़ गई। अब सीएम मोहन यादव एसआईटी चीफ के तौर पर आदर्श कटियार को केस की जिम्मेदारी सौंपी है। बताया गया है कि आदर्श कटियार फिर से केस का अध्ययन कर रहे हैं। इससे ये पता चलेगा कि केस में किस आरोपी ने क्या किया?