नारायणपुर से नावेद की रिपोर्ट…
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पद्मश्री मिलने से पहले क्यूँ वैद्यराज हेमचंद मांझी ने सरकार से मांगे बॉडीगार्ड
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भतीजे की नक्सली हत्या के बाद पुलिस ने सेफ हाउस में किया शिप्ट
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कैंसर की गंभीर बीमारियों का देसी जड़ी-बूटी से करते हैं इलाज
Vaidyaraj Hemchand Manjhi: छत्तीसगढ़ के धूर नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के प्रवेश द्वार में स्थित ग्राम पंचायत छोटेडोंगर के वैद्यराज हेमचंद मांझी को पद्मश्री से नावाज़ा जायेगा. पारंपरिक औषधीय चिकित्सक मांझी (Vaidyaraj Hemchand Manjhi) पिछले 50 साल से जंगली जड़ी-बूटी से कैंसर समेत कई गंभीर मर्ज के मरीजों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे हैं.लेकिन अब वैद्यराज हेमचंद मांझी ने सरकार से दो बॉडीगार्ड मांगे हैं.
20 साल की उम्र से कर रहें हैं सेवा
उन्होंने अपने 20 साल की उम्र से ही जरूरतमंदों की सेवा शुरू कर दी थी. वैद्यराज श्री मांझी (Vaidyaraj Hemchand Manjhi) अबूझमाड़ के सुदूर जंगलों में जड़ी-बूटियों के विशेष ज्ञान के लिए जाने जाते हैं. इनकी प्रसिद्धि देश-विदेश तक फैली हुई हैं। रोजाना विभिन्न बीमारियों से पीड़ित मरीज इलाज के लिए इनके पास आते हैं। नाड़ी देखकर वे लोगों का उपचार कर रहे हैं.
नक्सलियों द्वारा बार-बार धमकियों और व्यक्तिगत हमलों के बावजूद, उन्होंने ईमानदारी और उत्साह के साथ लोगों की सेवा करना जारी रखा हुआ हैं.
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सरकार से मांगे दो बॉडीगार्ड
पद्मश्री से नवाज़े जाने से पहले वैद्यराज हेमचंद मांझी ने सरकार से दो बॉडीगार्ड देने की मांग की हैं. वे कहते हैं गांव से दूर होने का दर्द उन्हें चैन से सोने नहीं देता हैं। सरकार उन्हें सुरक्षा के लिए दो बॉडीगार्ड उपलब्ध करवाये.
जिससे वे पुनः गाँव में रहकर लोगों को संजीवनी जड़ी बूटी से नया जीवन देने में अपनी भागीदारी निभाते रहे. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बधाई देते हुए कहा कि नारायणपुर जिले के वैद्यराज हेमचंद मांझी जी को पद्मश्री सम्मान के लिए चुना जाना छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित करने वाला है.वहीं मंत्री केदार कश्यप ने भी शुभकामनायें दी हैं.
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दिसंबर में भतीजे की हुई थी हत्या
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में शनिवार को नक्सलियों ने एक बीजेपी नेता की हत्या कर दी। नेता की पहचान कोमल मांझी के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि मांझी जब छोटेडोंगर गांव में एक देवी मंदिर में पूजा करके लौट रहा था तब अज्ञात नक्सलियों ने उस पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। नारायणपुर राज्य का नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। मांझी छोटेडोंगर के एक लोकप्रिय वैद्यराज (पारंपरिक चिकित्सक) के भतीजे थे और दोनों (चाचा-भतीजे) को पूर्व में नक्सलियों से जान से मारने की धमकी मिली थी.