Ayodhya Travel and Tourism: अयोध्या में भव्य राम मंदिर देश-दुनिया के लिए धार्मिक पर्यटन का एक बड़ा केंद्र बनने जा रहा है. अधोध्या धाम में रेल, रोड, एयरपोर्ट, होटल समेत सेक्टर में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है.
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने अयोध्या पर अपनी एक स्पेशल रिपोर्ट में कहा है कि करीब 85,000 करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर) से अयोध्या का मेकओवर हो रहा है, इससे यह प्राचीन शहर से तमाम आधुनिक सुविधाओं वाले शहर बदलेगा.
नतीजतन दुनिया के नक्शे पर अयोध्या एक वैश्किव धामिक और आध्यात्मिक टूरिस्ट हॉटस्पॉट बन रहा है. हर साल करीब 5 करोड़ पर्यटकों के अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है.
इस तरह राम मंदिर के साथ नए स्वरूप में बनते अयोध्या से होटल्स, एयरलाइंस, हॉस्पिटैलिटी, FMCG, ट्रैवल, सीमेंट समेत तमाम सेक्टर्स को फायदा होगा.
अयोध्या का मेकओवर, उत्तर प्रदेश में बढ़ेगा टूरिज्म
जेफरीज का कहना है कि नए एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनों, टाउनशिप और रोड कनेक्टिविटी बढ़ाने पर 10 बिलियन डॉलर का खर्च किया जाएगा, जिससे अयोध्या का पूरा मेकओवर हो जाएगा, इसका असर होगा कि शहर में नए होटल्स खुलेंगे और दूसरी आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी. साथ ही टूरिज्म के लिए इंफ्रा ड्राइव ग्रोथ के लिए एक उदाहरण बनेगा.
ये मंदिर उत्तर प्रदेश की स्थिति को मजबूती देगा, जो पहले से ही देश के नक्शे पर भारत में टूरिज्म को लेकर दूसरा सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है, और ये पर्यटन में बढ़ते विदेशी निवेश का सहायक बनेगा, भले ही GDP में इस क्षेत्र के योगदान के मामले में भारत कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से नीचे है, जो कि 6.8% है.
जेफरीज के मुताबिक- इस बढ़ते टूरिज्म के माहौल से स्पाइसजेट, अकासा एयर, मेकमायट्रिप, इंडियन होटल्स, ब्रिटानिया और हिंदुस्तान यूनिलीवर सहित दूसरे कंपनियों के कारोबार को बढ़ावा मिलेगा.
गूगल पर बढ़ी अयोध्या की सर्चिंग
एक ट्रैवल कंपनी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राम मंदिर के उद्घाटन की घोषणा के बाद से भारत से इंटरनेट पर अयोध्या की सर्च में 1806% की वृद्धि हुई है. अयोध्या के बारे में सबसे ज्यादा गूगल सर्च 30 दिसंबर को हवाईअड्डे के उद्घाटन के दिन किया गया था.
इतना ही नहीं एक ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, अयोध्या उन टॉप 10 तीर्थ और आध्यात्मिक स्थलों की लिस्ट में सबसे आगे है, जिसके बारे में जानने के लिए पिछले दो सालों में लोगों ने गूगल पर सर्च किया है.
एक ट्रैवल कंपनी के अध्यक्ष और कंट्री हेड (हॉलिडेज) डेनियल डिसूजा कहते हैं, ”देश में धार्मिक पर्यटन को लेकर लोगों में दिलचस्पी बढ़ रही है. इतना ही नहीं धार्मिक पर्यटन स्थलों में अयोध्या को प्राथमिकता भी दी जा रही है. अयोध्या के बाद दूसरे स्थान पर पुरी, अमृतसर, काशी, द्वारका, तिरुपति और मदुरै के बारे में भी क्वेरी सामने आई है.
धार्मिक पर्यटन के विकास के पीछे की वजह समझिए, प्वाइंट में
भारत में सभी धर्म से संबंधित तीर्थ स्थान का होना: धर्म, एकलौती ऐसी ची है जो शुरुआत से ही मनुष्य के जीवन का हिस्सा बनी हुई है. भारत की बात करें तो यहां धार्मिक पर्यटन की जड़ें प्राचीन काल से ही विद्यमान है. प्राचीन काल से ही यात्री आध्यात्मिक सांत्वना पाने के लिए कठिन यात्रा करते थे.
इसके अलावा एक कारण ये भी माना जाता है कि दुनिया के किसी भी कोने में रह रहे लोगों में इच्छा होती है कि जिंदगी में कम से कम एक बार अपने धर्म से संबंधित तीर्थ स्थान की यात्रा जरूर करें. भारत की बात करें तो यहां सभी धर्म के लोग रहते हैं और पुरानी सभ्यताओं वाला देश होने के कारण इस देश में लगभग सभी धर्मों से जुड़ा तीर्थ स्थान भी मौजूद हैं.
मिडिल क्लास परिवार: भारत की लगभग 40 प्रतिशत आबादी मध्यवर्गीय है. ऐसे परिवार में ज्यादातर लोग टूर पर जाने का खर्चा नहीं उठा पाते हैं, ऐसी स्थिति में वो ज्यादा से ज्यादा मंदिरों की यात्रा करते हैं ताकि इस यात्रा के बहाने वह एक तीर्थ स्थल का दर्शन भी कर लें और वह क्षेत्र घूम भी सकें.
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