भुवनेश्वर। Odisha News: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गुरुवार को पहले विश्व उड़िया भाषा सम्मेलन के लोगो का अनावरण किया और उम्मीद जतायी कि कार्यक्रम सफल रहेगा। लोगो पर लिखा है, ‘‘भाषा ही भविष्य है।’’
तीन से पांच फरवरी तक होगा आयोजन
इस सम्मेलन का आयोजन तीन से पांच फरवरी तक होगा। पटनायक ने एक बयान में कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि यह सम्मेलन बुद्धिजीवियों, शोधकर्ताओं, विद्वानों और छात्रों के बीच विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान करेगा।’
सीएम पटनायक ने कही ये बात
पटनायक ने कहा कि ओडिशा भाषाई आधार पर बनने वाला देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि उड़िया भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है, जिससे राज्य और भाषा का यश समृद्ध हुआ है।
आधिकारिक विज्ञप्ति जारी
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, पहले विश्व उड़िया सम्मेलन में ओडिया भाषा के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर चर्चा की जाएगी और इसके प्रचार-प्रसार के लिए लक्ष्य तय किए जाएंगे।
दुनिया भर से आएंगे लोग
मुख्यमंत्री ने उड़िया भाषा, साहित्य और संस्कृति विभाग को कार्यक्रम का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित पक्षों के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया है। इस सम्मेलन के दौरान दुनिया भर के मशहूर भाषाविदों और शोधकर्ताओं के भाग लेने की उम्मीद है।
उड़िया भाषा 2,500 साल अधिक पुरानी
फरवरी 2014 में केंद्र से शास्त्रीय दर्जा मिलने के बाद उड़िया देश की छठी ऐसी भाषा बन गयी। उससे पहले मलयालम, तेलुगु, कन्नड़, संस्कृत और तमिल को यह दर्जा मिला था। राज्य सरकार ने 2013 में केंद्र को एक प्रस्ताव सौंपा था जिसमें कहा गया था कि उड़िया भाषा 2,500 साल से भी अधिक पुरानी है।
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