सिवनी। Mowgli Utsav 2024: पेंच नेशनल पार्क में आयोजित तीन दिवसीय मोगली उत्सव को लेकर बच्चों में भारी उत्साह नजर आ रहा है। 8 से 11 जनवरी तक शिक्षा विभाग ने आयोजित राज्य स्तरीय बाल मोगली उत्सव में एमपी के 52 जिले के 208 बच्चे शामिल हुए हैं जिन्हे मोगली की जन्म स्थली पेंच नेशनल पार्क के वन्य प्राणी और नेचर से रूबरू कराया जाएगा।
वन्य जीवों के बारे में दी जाएगी जानकारी
तीन दिनों तक बच्चों को जंगल सफारी कराकर वन्य जीवों के बारे में जानकारी दी जाएगी जिसको लेकर बाल मोगली (Mowgli Utsav 2024) में भारी उत्साह नजर आ रहा है। देवास से फूंची छात्रा का कहना है कि उन्होंने मोगली लैंड के बारे में पढ़ा था और सुना था लेकिन अब उन्हें उनकी अथक मेहनत के बाद देखने को मिलेगा।
जंगल सफारी पर जाएंगे बच्चे
पेंच टाइगर रिजर्व के ओलिव रिसोर्ट से बच्चों की जिप्सी को हरी झंडी दिखाकर जंगल सफारी पर रवाना कर तीन दिवसीय (Mowgli Utsav 2024) कार्यक्रमों का शुभारंभ किया जाएगा। 52 जिलों से दो-दो छात्र, दो-दो छात्राओं के अलावा एक-एक शिक्षक की उपस्थिति रहेगी। बता दें कि पेंच टाइगर रिजर्व में 17 वर्षों से मोगली बाल उत्सव का आयोजन हो रहा है।
मोगली की जन्मभूमि है पेंच टाइगर रिजर्व
पेंच टाइगर रिजर्व को (Mowgli Utsav 2024) मोगली की जन्मभूमि माना जाता है। प्रसिद्ध अंग्रेज साहित्यकार रूडयार्ड किपलिंग ने 1893 में ’द जंगल बुक’ में मोगली दंतकथा की रचना की थी। इसमें मध्य भारत की भूमि सिवनी के जंगलों में मोगली नाम का बालक भेड़िया, बघीरा (काला चीता), शेर खान (बाघ), भालू, सांप, हाथी व अन्य के साथ रहता था।
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पूरे विश्व में लाखों बच्चे मोगली व उसके जंगली मित्रों की दंतकथा से मंत्रमुग्ध रहते हैं। जंगल बुक पुस्तक व वाल्ट डिजनी ने इसे कार्टून शृंखला में भी प्रदर्शित किया था, जो बच्चों में खासा लोकप्रिय रहा।
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