मुंबई/कोलकाता। New Year 2024: महाराष्ट्र, गोवा, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में पूरे उत्साह और उल्लास के साथ लोगों ने जश्न मनाते हुए नए साल 2024 (New Year 2024) का स्वागत किया।
#WATCH | Mumbai, Maharashtra: First Kakad aarti of the New Year 2024 performed at Shree Siddhivinayak Ganapati Temple pic.twitter.com/4JtHfQ3rk9
— ANI (@ANI) January 1, 2024
राजधानी मुंबई में रविवार की रात हजारों की संख्या में लोग गेटवे ऑफ इंडिया, मरीन ड्राइव, गिरगांव चौपाटी और अन्य स्थानों पर एकत्र हुए और नये साल का जश्न मनाया। कई लोगों ने प्रसिद्ध सिद्धिविनायक और मुंबादेवी मंदिरों और गिरजाघरों सहित धार्मिक स्थानों में जाकर नया साल मनाया।
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राक्तदान शिविर के साथ नए साल की शुरुआत
महाराष्ट्र के ठाणे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रात में रक्तदान शिविर में हिस्सा लेकर नये साल का स्वागत किया। उन्होंने इस अवसर पर लोगों को नववर्ष की शुभकामनाएं भी दीं। वहीं, तटीय राज्य गोवा में आधी रात को गिरजाघरों में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और प्रार्थना की। इसके अलावा समुद्र तटों पर उमड़े हजारों पर्यटकों की मौजूदगी में राज्य के लोगों ने नए साल का जश्न मनाया।
साल के आखिरी सूर्यास्त का नजारा
2023 के आखिरी सूर्यास्त की एक झलक पाने के लिए पर्यटक रविवार शाम को राज्य भर के समुद्र तटीय इलाकों में आने लगे, जहां 105 किलोमीटर लंबी तटरेखा है। गोवा पुलिस ने समुद्र तटों और तटीय क्षेत्र की ओर जाने वाली सड़कों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हुए थे। इस बीच, पश्चिम बंगाल में लोगों ने पिकनिक, लोकप्रिय स्थलों की यात्रा और बाहर भोजन कर साल के आखिरी दिन का जश्न मनाया। राज्य की राजधानी कोलकाता में सूरज ढलते ही लोग पार्क स्ट्रीट पर जमा हो गए। पब, रेस्तरां और बार के बाहर लंबी कतारें देखी गईं। कई लोग गिरजाघर गये। वहीं, जम्मू-कश्मीर में भी नये साल (New Year 2024 Celebration ) का जश्न देखने को मिला।
श्रीनगर में पारा शून्य के नीचे
श्रीनगर में शून्य से नीचे तापमान होने के बावजूद सैकड़ों स्थानीय लोग और पर्यटक नए साल की पूर्व संध्या पर लाल चौक के प्रतिष्ठित घंटा घर पर पहुंचे। जैसे ही 2023 में आखिरी बार सूरज डूबा, नवीनीकृत घंटा घर चौराहा नए साल के जश्न के साथ जीवंत होना शुरू हो गया। जबकि 2019 से पहले घंटा घर पर होने वाली सभाएं ज्यादातर विरोध प्रदर्शन या अलगाववादी प्रकृति की होती थीं, लेकिन, इस बार रविवार की सभा अलग थी।
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