Padma Award Return: भारतीय पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी के नाम एक लंबा चौड़ा पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने अपनी मांगे न सुनी जाने के कारण पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की बात कही है.
इसके बावजूद बजरंग पुनिया पद्म पुरस्कार विजेताओं की सूची में बने रहेंगे, क्योंकि इस सम्मान को लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है। एक रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने कहा है कि पुरस्कार जीतने वाला किसी कारण से सम्मान वापस करने की घोषणा कर सकता है, लेकिन पद्म पुरस्कार के लिए इस तरह का कोई नियम ही नहीं है।
बगैर कारण सिर्फ राष्ट्रपति पुरस्कारों को रद्द करने की अनुमति दे सकते हैं।
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क्या है नियम
गौरतलब है कि सामान्य प्रथा के अनुसार, पद्म पुरस्कारों(Padma Award Return) से सम्मानित किए जाने के लिए प्रस्तावित व्यक्ति की इच्छा, पुरस्कारों की घोषणा से पहले, यथासंभव अनौपचारिक रूप से सुनिश्चित की जाती है. इस बिंदु पर कई लोगों ने पुरस्कार अस्वीकार कर दिया है.
किसी व्यक्ति को पद्म विभूषण, पद्म भूषण या पद्म श्री से अलंकृत किए जाने के बाद, उसका नाम भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया जाता है और ऐसे प्राप्तकर्ताओं का एक रजिस्टर रखा जाता है.
राष्ट्रपति को पत्र लिखने के बाद भी नहीं हटा नाम
बता दें कि पद्म पुरस्कारों(Padma Award Return) की लौटाने वालों की सूची में पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल और पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएस ढींडसा भी शामिल हैं. उन्होंने 2020 में राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा था कि वे 3 कृषि कानूनों के खिलाफ हैं और किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए पुरस्कार वापस कर रहे हैं.
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इसके बावजूद उनका नाम आज तक भी पद्म पुरस्कार विजेताओं (Padma Award Return) की लिस्ट में है.
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