सरगुजा। प्रदेश की विष्णुदेव सरकार किसानों को 2 साल का बकाया बोनस देगी। सरगुजा संभाग के किसानों को भी बकाया राशि दी जाएगी। प्रदेश सरकार ने इसका निर्णय लिया है। राशि सीधे किसानों के खातों में जाएगी। सरगुजा संभाग के किसानों को सरकार 250 करोड़ का बकाया बोनस देगी।
बता दें कि रमन सरकार के समय वर्ष 2016-17 और वर्ष 2017-18 किसानों को उनकी धान का बोनस नहीं दिया गया था। इसी बोनस को अब दिया जाना है।
31 सौ रुपए प्रति एकड़ देगी सरकार
किसानों का बकाया धान का बोनस इस बार के चुनाव में अहम मुद्दा भी बना था। इस बार बीजेपी ने किसानों को बोनस 31 सौ रुपए प्रति एकड़ देने का फैसला लिया गया था। बीजेपी ने इस बार धान खरीदी के लिए प्रति एकड़ 21 क्विंटल का लक्ष्य निर्धारित किया है।
पहली कैबिनेट में हुआ था फैसला
बता दें कि विष्णुदेव सरकार ने सीएम पद की शपथ लेने के बाद ही पहली कैबिनेट में यह फैसला लिया था कि किसानों का बकाया बोनस उन्हें दिया जाएगा। बोनस की राशि आगामी 25 दिसबंर यानी जिस दिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है किसानों के खातों में आएगी।
बीजेपी ने चुनाव से पहले किया था वादा
जिन भी किसानों ने अपनी धान बीजेपी शासन काल में बेची थी। उनकी जानकारी केंद्रीय सहकारी बैंक के तहत आने वाले सरगुजा, बलरामपुर, सूरजपुर राज्य सरकार के पास है। 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 के समय की यह जानकारी है।
किसानों के कर्जमाफी की चुनावी घोषणा कांग्रेस ने की थी। वहीं भाजपा ने किसानों को बकाया बोनस देने की घोषणा की थी।
सरगुजा संभाग में इतने किासानों से खरीदा था धान
वर्ष 2016-17 में चारों जिलों के 66614 किसानों ने कुल 40 लाख 37 हजार 807 क्विंटल धान बेचा था। वर्ष 2017-18 में 76001 किसानों ने कुल 43 लाख 19 हजार 654 क्विंटल धान बेचा था। बकाया बोनस 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से दिया जाएगा।
इस साल सरगुजा संभाग के सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया और एमसीबी जिलों को मिलाकर एक करोड़ एक लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य है। केंद्रीय सहकारी बैंक के सीईओ सुनील वर्मा ने बताया कि अब तक किसानों से 11.61 लाख क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है।
देर से कटाई और मिचौंग तूफान के कारण धान खरीदी बंद होने के कारण खरीदी कम हुई है। अब किसान बड़ी संख्या में धान बेचने पहुंच रहे हैं।
बता दें कि किसानों ने केंद्रीय सहकारी बैंक के अंतर्गत आने वाली समितियों से 468 करोड़ रुपये का कृषि ऋण लिया है। यह ऋण खाद, बीज और कृषि कार्य के लिए नगदी के रूप में है। किसानों से लिंकिंग के माध्यम से ऋण वसूला जा रहा है। धान बेचने वाले किसानों के ऋण खाते में राशि समायोजित की जा रही है।
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