नर्मदापुरम। Satpura Tiger Reserve: मध्यप्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व से मनमोहक तस्वीरें सामने आ रही हैं। जहां बाघिन “मछली” अपने तीन शावकों के साथ खिली घूप में अटखेलियां करती नजर आई है। शनिवार 16 दिसंबर ये नजारा सैलानियों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया है।
जंगल सफारी के दौरान कैद हुआ नजारा
शनिवार शाम चूरना रेंज (Churna Range) में जंगल सफारी के दौरान सैलानियों को बाघिन “मछली” अपने 3 शावकों के साथ टहलती नजर आई। बाघिन “मछली” तीनों शावकों के साथ सैलानियों की जिप्सी के आगे-आगे काफी दूर तक चलती रही।
इस नजारे को सैलानियों ने अपने कैमरे में कैद किया। इस दौरान सफारी का मजा ले रहे बच्चे भी बाघिन “मछली” को देखकर काफी खुश हुए। “मछली” ने करीब 6 महीने पहले तीन शावकों को जन्म दिया था। जिसमें एक नर और दो मादा हैं।
बाघिन “मछली” और शावकों की आनंदित अठखेलियां
“मछली” नाम की बाघिन और उसके तीन शावक पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने रहे। इसकी दो तस्वीरें वायरल हो रहीं हैं। पहली तस्वीर में शावक अपनी मां के साथ मस्ती करते टहलते नजर आ रहें हैं। तो वहीं दूसरी तस्वीर में बाघिन और शावक सैलानियों की गाड़ी के आगे टहलते हुए दिख रहें हैं। इस दृश्य को देखकर ऐसा लग रहा है मानो बाघिन सैलानियों को जंगल की सैर करा रही हों।
बाघिन “मछली”- शावकों का पर्यटकों से खास रिश्ता
“मछली” और नन्हे शावकों का आए दिन पर्यटकों को दीदार होता रहता है। सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व (Satpura Tiger Reserve) के पर्यटन जोन में अक्सर “मछली” बाघिन और शावक नजर आते रहते हैं। बाघिन घने जंगल के बजाय पर्यटन जोन में घुल मिल गई है।
खुले माहौल में “मछली”
“मछली” (“Machhli”)बाघिन पर्यटकों के साथ बहुत फ़्रेंडली दिख रही है। उसके शावक भी बाघिन के साथ-साथ पर्यटकों को आनंदित करते हैं। इन शावको की उम्र अभी 6 महिने है, जो लगभग ढाई साल तक इसी तरह पर्यटकों को लुभाते रहेंगे।
सतपुड़ा मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व
सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिज़र्व है, जो करीब 2 हजार 2 सौ वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इतना बड़ा वन क्षेत्र होने के कारण यहां टाइगर कम ही दिखाई पड़ते हैं। बाघों की संख्या बढ़ने के कारण अब यहां सैलानियों को बाघ के दीदार आसानी से हो रहे हैं।