नारायणपुर। जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर कुकड़ाझोर गांव में एक किसान ने सरकारी कर्ज से परेशान होकर खुदकुशी कर ली। बताया गया है कि किसान को कर्ज की वसूली के लिए 1 लाख 24 हजार रूपये का नोटिस मिला था जिसके बाद किसान ने ये कदम उठाया है।
9 एकड़ में बोई थी धान
मृतक किसान हीरु बढ़ई अपने 9 एकड़ खेत में धान की फसल बोई थी। जिसका उत्पादन महज 75 बोरी हुआ था। इससे भी हीरु बढ़ई परेशान था। आज उसने अपने ही खेत में कीटनाशक दवा का पीकर अपनी जान दे दी।
फसल खराब होने से परेशान था किसान
मृतक किसान हीरु बढ़ई बेटे की शादी होने वाली थी। जिससे उसको फसल से काफी उम्मीदें थी। लेकिन धान की फसल ने साथ नहीं दिया। फसल चौपट होने किसान पर कर्ज का बोझ बढ़ गया। साथ ही उसके बेटे की शादी का सपना भी टूट गया।
बेटे ने कहा- कर्ज माफ करे सरकार
किसान की मौत के बाद परिवार पर कर्ज की अदायगी का बोझ बढ़ गया हैं। किसान के बेटे का कहना हैं भाजपा के लोग गांव में चुनाव प्रचार के दौरान दो लाख रूपये का कर्ज माफ करने की बात कहकर गए थे। अब राज्य में बीजेपी की सरकार बन गई तो कहे अनुसार कर्जमाफी होनी चाहिए।
पिछले कुछ दिनों से तनाव में था किसान
किसान के बेटे ने आगे कहा कि खेत में मिंजाई के बाद धान की पैदावार आधे से भी कम होने के बाद पिताजी बार-बार सरकारी कर्ज और वसूली के नोटिस का जिक्र कर तनाव में थे। फिर खाने के लिए हमें घर भेजकर किट नाशक दवाई पीकर आत्महत्या कर ली। वे कुछ दिनों बाद मेरी शादी करने वाले थे। चुनाव के दौरान दो लाख कर्ज माफ करने की बात भाजपा के लोगों ने कही थी। उसको लागू करना चाहिए।
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