CG Aaj Ka Mudda: छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासत चल रही थी और बयानबाजी से मुद्दे गरमा रहे थे। अब चुनाव के बाद बीजेपी की सरकार बन चुकी है, तो ये सब कांग्रेस के भीतर ही नजर आ रहा है। करारी हार के बाद बागी नेता बेहिचक आरोप लगा रहे हैं। इधर कांग्रेस एक्शन ले रही है, तो बीजेपी चटखारे।
पूर्व विधायक विनय जायसवाल के घर कांग्रेस नेताओं की बैठक जरूर थी, लेकिन इसके सियासी मायने कुछ और हैं। देखा जाए तो ये छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी की तरह है।
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नाराज पूर्व विधायकों ने की बैठक
दर्जनभर नेताओं की इस बैठक में पार्टी से नाराज पूर्व विधायक इकट्ठा हुए, जो टिकट कटने के फैसले से खफा हैं और करारी हार की समीक्षा के लिए दिल्ली आलाकमान को रिपोर्ट सौंपना चाहते हैं।
दरअसल कांग्रेस ने 2023 चुनाव में 22 सीटिंग विधायकों के टिकट काटे, जिसमें विनय जायसवाल, बृहस्पत सिंह और शिशुपाल शोरी जैसे नेताओं का नाम शुमार था।
नाराज नेताओं का कहना है कि इनमें से 15 पूर्व विधायक जीतने की पोजिशन में थे और ये विधायक जीतते तो कांग्रेस बहुमत के जादुई नंबर को पार कर लेती।
बृहस्पत सिंह कांग्रेस पर फिर हुए हमलावर
इधर, विस्फोटक बयान देने वाले बृहस्पत सिंह का फिर हमलावर बयान सामने आया। जिसमें वो प्रभारी कुमारी सैलजा और टीएस सिंहदेव की दिल्ली से शिकायत कर कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा, ‘’बड़े नेता खुद को बचाने कि लिए छोटों पर जबरन थोपते हैं। इस बात को हम नहीं आने देंगे और सच्चाई सामने लाकर रहेंगे। जिससे 2024 में इसकी पुनरावृति न हो।‘’
ये पहला मौका नहीं है, जब टिकट कटने पर पूर्व विधायकों का गुस्सा फूटा हो। चुनावी नतीजों के बाद बागी नेताओं के बेहिचक बोल सामने आए। अब पूर्व विधायकों ने दिग्गजों पर कार्रवाई की बात करते हुए आरोप लगाए, तो उल्टा उनपर ही कांग्रेस ने एक्शन ले लिया।
कांग्रेस में चल रही गहमागहमी
एक तरफ बागी बोल बुलंद हो रहे हैं, तो दूसरी तरफ नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला भी जारी है। पहले दिलीप षडंगी और अब महंत रामसुंदर दास ने पार्टी का दामन छोड़ा।
इधर कांग्रेस में चल रही गहमागहमी पर बीजेपी भरपूर चटखारे ले रही है। बीजेपी ने कांग्रेस नेताओं के बगावती तेवर को आपसी लड़ाई करार दिया।
बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, ‘’कांग्रेस में भगदड़ की स्थिति बनी हुई है। पूर्व विधायकों को निकालने से पहले समीक्षा कर लोगों की बता सुननी चाहिए है, जो नहीं होने से लोग वहाल हो रहे है और जहां हिटलर शाही चलते वहां ऐसी ही ऐसे हालत बनेंगे ही।‘’
बीजेपी के हौसले बुलंद हैं, तो करारी हार के बाद कांग्रेस कई हिस्सों में बिखरी है। नेतृत्व विहीन कांग्रेस 2024 के पहले किसकी लीडरशीप में खड़ी होती है। मनमुटाव और कलह से कांग्रेस कैसे पार पाती है। ये सवाल कांग्रेस के सामने यक्ष प्रश्न की तरह खड़े हैं।
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