MPPSC Exam: स्टेट सेवा भर्ती प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए 2 प्रश्नों के जो ऑप्शन प्रश्न पत्र में दिए गए थे वे सही थे या गलत, इसका निर्णय सुप्रीम कोर्ट ही करेगी।
सभी केंडिडेट पर लागू होगा परिणाम
यह कहकर हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने प्रश्नों के ऑप्शन को चुनौती देते हुए प्रस्तुत 3 दर्जन से ज्यादा याचिकाएं एक साथ निराकृत कर दी।
PSC ने कोर्ट में आश्वासन दिया कि सुप्रीम कोर्ट में चल रही याचिका का जो भी परिणाम होगा वह सभी केंडिडेट पर लागू किया जाएगा।
2 प्रश्नों को लेकर चल रहा है विवाद
बात ये है कि स्टेट सेवा भर्ती प्रारंभिक परीक्षा में 2 प्रश्नों के ऑप्शन को लेकर विवाद चल रहा है।
एडवोकेट विभोर खंडेलवाल ने बताया कि प्रश्न पत्र में पूछा गया था कि भारत छोड़ो आंदोलन कब शुरु हुआ था और मध्यप्रदेश चुनाव आयोग का गठन कब हुआ था।
इन दोनों प्रश्नों के 4-4 ऑप्शन दिए गए थे। इसके बाद PSC ने इन चारों विकल्पों को गलत बताते हुए प्रश्नों को हटा दिया।
युगलपीठ के समक्ष दी चुनौती
मामले पर अलग-अलग पीटीशन हाई कोर्ट में प्रस्तुत हुई। इसमें बताया गया था कि दोनों प्रश्नों के दिए गए चारों ऑप्शन्स में से एक उत्तर सही है।
इसलिए प्रश्नों को हटाया जा सकता था। जबलपुर में एकल पीठ ने एक याचिका का निराकरण करते हुए केंडिडेट को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी थी।
इस फैसले को शासन ने युगलपीठ के समक्ष चुनौती दी, जहां से शासन को राहत मिल गई। इस पर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया जहां वर्तमान में वह लंबित है।
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