उत्तरकाशी। Uttarkashi Tunnel Rescue उत्तरकाशी घटना के 13 दिन होने के बाद भी 41 मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका है तो वहीं पर हाल ही में मिली अपडेट के अनुसार ऑगर मशीन टूट गई है जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन रूका है। वहीं पर मजदूरों से महज 10 मीटर दूर अमेरिकी ऑगर मशीन टूट गई।
वर्टिकल होगी ड्रिलिंग
आपको बताते चलें, उत्तरकाशी में टनल रेस्क्यू में एक के बाद एक बाधाएं सामने आती जा रही है ऑगर मशीन टूटने के साथ ही इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अरनॉल्ड डिक्स ने कहा है कि अब ऑगर से ड्रिलिंग नहीं होगी, न ही दूसरी मशीन बुलाई जाएगी।
Chilling words !!!
टनल विशेषज्ञ अर्नाल्ड डिक्स ने मानी हार l ऑगर मशीन के ब्लेड्स टूट रहे हैं, इससे ड्रिलिंग संभव नहीं है । अब दूसरे विकल्प का ही रास्ता बचा है। वर्टिकल, दूसरे छोर से और मैनुअल खुदाई। यानि रेस्क्यू अभी लंबा खींचेगा l#UttarakhandTunnelRescue #UttarkashiRescue pic.twitter.com/NeU3mpaita— Shambhavi Bhartiya (@star_shambhavi) November 25, 2023
अब यहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन में टीम दूसरे विकल्पों को तलाशने पर जोर दे रही है जिसमें 900MM पाइप के अंदर से मैनुअल ड्रिलिंग, यानी हाथ से खुदाई की जा सकती है। इसमें बी प्लान के तहत यह भी हो सकता है कि, टनल के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू करने की तैयारी हो रही है।
लगातार आ रही बाधाएं
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 13 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के दौरान बार-बार आ रही बाधाओं के कारण बचावकर्ता हाथ से ड्रिलिंग करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।अभी करीब 10 से 12 मीटर की खुदाई बाकी है, लेकिन कभी सरिया तो कभी पत्थर मजदूरों तक पहुंचने में बाधा बन रहे हैं। मजदूरों तक पहुंचने के लिए 6-6 मीटर के कम से कम 2 पाइप और डाले जाएंगे। दूसरा पाइप 3 से 4 मीटर पुश किया जाना है।
गड़बड़ी के बाद रोकी ड्रिलिंग
श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सुरंग के ढहे हिस्से में की जा रही ड्रिलिंग शुक्रवार रात पुन: रोकनी पड़ी, जो बचाव प्रयासों के लिए एक और झटका है। एक अधिकारी ने बताया कि ऑगर मशीन शुक्रवार को ड्रिलिंग बहाल होने के कुछ देर बाद स्पष्ट रूप से किसी धातु की वस्तु के कारण बाधित हो गई।
इससे एक दिन पहले अधिकारियों को ऑगर मशीन में तकनीकी गड़बड़ियों के कारण बचाव कार्य को रोकना पड़ा था। उन्होंने कहा कि लगातार आ रही बाधाओं के कारण ऑगर मशीन से ड्रिलिंग और मलबे के बीच इस्पात का पाइप डालने का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
पाइप से श्रमिकों को निकाला जाएगा बाहर
श्रमिकों को इस पाइप से बाहर निकालने की योजना है। अधिकारी ने बताया कि ऐसे में हाथ से ड्रिलिंग करने पर विचार किया जा रहा है लेकिन इसमें समय अधिक लगता है। चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें काम कर रहे श्रमिक मलबे के दूसरी ओर फंस गए थे। तब से विभिन्न एजेंसियां उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं।
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