Mitra aur Shatru Graha: वैदिक ज्योतिष में 12 राशियां हैं और इन सभी राशियों के 9 स्वामी ग्रह हैं। इन सभी 12 राशियों में आपस में कभी सहयोग होता है, तो कभी विरोध होता। कुछ राशियों की आपस में काफी मित्रता होती है, तो वहीं कुछ एक-दूसरे की धुर विरोधी होते हैं।
आइए जानते हैं कौन-सी राशियां हैं और कौन-से ग्रह किसके मित्र और किसके शत्रु हैं। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आपको किस राशि के व्यक्ति की मित्रता से कितना लाभ या हानि होगी।
राशि तत्व से है मित्रता-शत्रुता का संबंध
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, राशियों में पृथ्वी, अग्नि, जल और वायु तत्वों की प्रधानता होती है यानी तत्वों के आधार पर राशियों को इन चार रूप वर्गों में रखा गया है।
पृथ्वी तत्व की राशियां: वृषभ, कन्या और मकर
अग्नि तत्व की राशियां: मेष, सिंह और धनु
जल तत्व की राशियां: कर्क, वृश्चिक और मीन
वायु तत्व की राशियां: मिथुन, तुला और कुंभ
इन राशियों में होती गहरी मित्रता
समान तत्व राशि: सनातन ज्योतिष के अनुसार समान तत्व वाले राशियों में गहरी मित्रता होती है यानी एक ही तत्व की राशियों में गहरी मित्रता होती है।
लेकिन ज्योतिष आचार्यों के अनुसार पृथ्वी, अग्नि, जल और वायु तत्व की राशि वाले जातकों (व्यक्तियों) में भी काफी पटरी अच्छी बैठती है।
साथ ही अग्नि और वायु तत्व वाली राशि के जातकों में भी मित्रता का प्रगाढ़ बंधन विकसित होता है।
इन राशियों में होती शत्रुता
पृथ्वी और अग्नि तत्व के राशि वाले लोगों में आपसी संबंध बढ़िया नहीं होते हैं। अग्नि और जल तत्व की प्रधानता वाले जातकों में शत्रुता के संबंध भी होते हैं।
साथ ही पृथ्वी और वायु तत्व के राशि वाले लोगों में अधिक नहीं पटता है।
मित्र और शत्रु ग्रह
दरअसल केवल राशियों के तत्त्वों से ही राशियों की मित्रता और शत्रुता का सह-संबंध नहीं होता है, बल्कि उनके स्वामी ग्रहों से उनका यह संबंध ज्यादा मुखर होता है।
यह संबंध नैसर्गिक मैत्री और पंचधा मैत्री से निर्धारित होते है। इसके अलावा राशियों के मूल त्रिकोण से भी इसका संबंध जुड़ा है।
— सूर्य: चंद्र, मंगल और गुरू ग्रह सूर्य के अच्छे मित्र होते हैं। जबकि शुक्र, शनि और राहू ग्रह सूर्य से शत्रुता भाव रखते हैं।
— चंद्र: सूर्य और बुध ग्रह के चंद्रमा के अच्छे मित्र होते हैं। लेकिन, राहू चंद्रमा का घोर शत्रु होता है।
— मंगल: सूर्य, गुरू और चंद्र ग्रह मंगल के अच्छे मित्र होते हैं, जबकि बुध और राहू ग्रह मंगल से वैर-भाव रखते हैं।
— बुध: सूर्य, शुक्र और राहू ग्रह बुध के अच्छे मित्र होते हैं, वहीं चंद्रमा और बुध की आपस में पटरी नहीं बैठती है।
— गुरू: सूर्य, चंद्र और मंगल ग्रह की गुरू से मित्रता होती है। जबकि बुध और शुक्र ग्रह गुरु के विरोधी ग्रह हैं।
— शुक्र: बुध, शनि और राहू ग्रह शुक्र से मित्रवत होते हैं। लेकिन सूर्य और चंद्रमा से शुक्र की पटरी नहीं बैठती है।
— शनि: बुध, शुक्र और राहू ग्रह शनि के मित्र हैं। जबकि सूर्य, चंद्र और मंगल ग्रह शनि से शत्रुभाव रखते हैं।
— राहू और केतु: शनि की तरह ही बुध, शुक्र शनि ग्रह राहू और केतु के मित्र ग्रह हैं। जबकि सूर्य, चंद्र और मंगल ग्रह राहू और केतु से शत्रुभाव रखते हैं।
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