MP Aaj Ka Mudda: देश में मौका दिपावली का है। जब भगवान राम अयोध्या लौटे थे। मध्यप्रदेश में मौका चुनाव का है। श्रीराम सियासत में भी पधारे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सतना की सभा में लोगों को घर-घर तक राम-राम पहुंचाने की अपील की।
सीट-सीट पर ‘राम’
भगवान राम पर भगवा हो रही सियासत में पीएम के बयान पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि बीजेपी राम को बीजेपी-कांग्रेस में बांट रही है। भगवान राम के अयोध्या पहुंचने से पहले सियासत राम के वनवास पर भी गरमाई।
प्रियंका गांधी ने बीजेपी की तुलना अहिरावण से कर जनता को हनुमान बताया। तो सीएम शिवराज ने कहा कि कांग्रेस चुनाव में राम नाम की दुशाला ओढ़ती है।
चुनाव में अपने-अपने राम
सियासी रामायण के आखिर में राम मंदिर किसका, इस पर भी बहस हो गई। असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि राम मंदिर बीजेपी का नहीं। तो कांग्रेस का भी नहीं है। उन्होंने कांग्रेस के अयोध्या मंदिर ना जाने पर भी सवाल खड़े किए। पूर्व सीएम कमलनाथ ने तीखा वार करते हुए कहा कि बीजेपी ने मंदिर अपने पैसों से नहीं बनवाया।
राम के सहारे चुनावी दिवाली?
मध्यप्रदेश के चुनावी संग्राम में अपने-अपने राम नजर आ रहे हैं। दिपावली पर भगवान राम का अयोध्या आगमन जितना शुभ होता है। क्या सियासत में भी उनका आगमन शुभ होने वाला है। ये तो राम ही जानें
बंसल न्यूज के सवाल
सवाल 1 – क्या राम के सहारे चुनावी दिवाली मनाना चाहते हैं नेता?
सवाल 2 – बीजेपी की राम मंदिर राजनीति क्या फिर से जनता का आशीर्वाद हासिल कर पाएगी?
सवाल 3 – क्या हिंदुत्व और राम मंदिर के मुद्दे पर कांग्रेस सेफ सियासी चाल चल रही है?
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