शिवपुरी। मप्र के विभिन्न जिलों से लगातार ही खाद की किल्लत की खबरें आ रही हैं। एक तरफ तो प्रदेश सरकार दावा करती है कि किसानों को आसानी से खाद मिल रहा है। वहीं दूसरी तरफ आलम यह है कि किसानों को घंटों लाइन में लगने के बावजूद भी खाद नहीं मिल रहा है। इससे किसानों में रोष है और अब किसानों का गुस्सा सामने भी आने लगा है।
तहसील कार्यालय के पास लगाया जाम
आज शिवपुरी जिले के करैरा में खाद ने मिलने से परेशान किसानों ने सड़क पर चक्का जाम कर दिया। जिससे घंटों तक सड़क पर जाम लग गया। यहां पर किसानों की ओर से जमकर नारेबाजी भी की गई। बता दें कि सभी किसानों ने तहसील कार्यालय के पास ही प्रदर्शन किया है।
तहसील में नहीं मिला कोई अधिकारी
खाद लेने आए किसानों का कहना है कि हम सभी किसान अपनी समस्या को लेकर तहसील पहुंचे थे। लेकिन यहां पर हमें कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं मिला जो हमारी समस्या सुनता। कई दिनों से हम लगो खाद लेने के लिए भटक रहे हैं।
हर बार बोनी के समय होती है खाद की किल्लत
किसानों का कहना है कि ये कोई पहली बार नहीं जब उन्हें खाद लेने लिए पसीना बहाना पड़ रहा है, हर बार फसल की बोआई से समय यही स्थिति बनती है। इससे पहले इसी साल खरीफ की जब बोनी होनी थी तब हमें खाद के लिए मशक्कत करनी पड़ी थी।
फसल की बुआई के वक्त बढ़ती है डीएपी की मांग
ये जानतें हुए भी कि किसानों को फसल की बोनी के समय डीएपी खाद की अनिवार्य तौर पर आवश्यकता होती है फिर भी जिला विवपण संघ के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं। अगर पहले से खाद स्टॉक में रखा जाएगा तो किसानों को इस तरह परेशान नहीं होना पड़ेगा।
विपपण केंद्र पर सुबह से ही पहुंच रहे किसान
करैरा के विपपण केंद्र पर सुबह 5 बजे से ही किसानों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है। ये जानते हुए कि कार्यालय 11 बजे तक खुलेगा फिर भी यहां पर किसान सुबह से लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं ताकि उन्हें पहले खाद मिल सके।
किसानों का आरोप खाद की हो रही कालाबाजारी
बता दें कि बाजार में निजी विक्रता महंगे दामों पर भी खाद बेच रहे हैं। जिससे खाद की कालाबाजारी बढ़ रही है। किसानों ने इस बात की शिकायत भी जिला प्रशासन के अधिकारियों से की है बावजूद इसके अभी तक खाद की कालाबाजारी करने वाले विक्रताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से सटी भोजपुर विधानसभा में आने वाली ग्राम पंचायत नूरगंज के ग्राम सेमरा के निवासी 75 साल बाद भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं। ग्रामीणों ने अपने घरों के सामने रोड नहीं तो वोट नहीं और विकास नहीं तो वोट नहीं के पोस्टर लगाएं हैं। बता दें कि इस क्षेत्र से वर्तमान में बीजेपी के सुरेंद्र पटवा विधायक हैं, पार्टी ने फिर से चुनावी मैदान में उतारा है।
बदलहाल सड़के नहीं सुधार पाए विधायक
ग्रामीण बताते हैं कि उन्होंने कई बार प्रशासन समेत विधायक सुरेंद्र पटवा को इस समस्या से अवगत कराया है लेकिन आज तक क्षेत्र की बदलहाल सड़के की रुपरेखा नहीं बदली जा सकी। वहीं क्षेत्र की महिलाओं ने कहा हम वोट नहीं डालेंगे। कई लोगों का कहना था कि इस बार हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
रहवासियों को झेलनी पड़ रही परेशानी
बता दें कि सेमरा गांव से नूरगंज सड़क तक पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर का कच्चा मार्ग है, जो बारिश के दिनों में कीचड़ में सना रहता है जिससे यहां के रहवासियों को आने-जाने में काफी मुसीबत होती है। सालों से गांव का नल बंद पड़ा है, पुलिया टूटी हुई है, नालियां नहीं है जिससे सड़को पर गंदगी बह रही है। बारिश के दिनों में छोटे बच्चे भी कीचड़ में लगे कपड़े पहन कर ही स्कूल जाते हैं।
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