MP Teerth Darshan Yatra: मध्य प्रदेश यानी कि देश का दिल. पर्यटन के क्षेत्र में यह प्रदेश काफी समृद्ध माना जाता है. आदिम युग की ऐतिहासिक इमारतें, हरे भरे घने जंगल, दूर तक फैली पर्वत श्रृंखलाएं इस जगह की पहचान रही है.
लेकिन जब बात धार्मिक आस्था रखने वाले लाखों करोड़ों सैलानियों की आती है तो बता दें कि यह उन राज्यों की लिस्ट में भी शामिल है जहां हर साल दर्शन करने वालों की संख्या अनगिनत रहती है.
तो आइए आज हम बताते हैं कि अगर आप मध्य प्रदेश आएं तो यहां के किन प्रमुख धार्मिक स्थलों में जरूर जाएं.
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
उज्जैन शहर स्थित भगवान महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है. यहां हर 12 साल में एक बार सिहंस्थ महाकुम्भ का विशेष मेला लगता है.
अगर आप यहां पहुंचना चाहते है तो वायु मार्ग के लिए आप इंदौर एयरपोर्ट पहुंचें जो यहां से करीब 58 किलोमीटर दूरी पर है. जबकि रेलमार्ग से यह लगभग सभी बड़े राज्यों से जुड़ा है.
अमरकंटक
मध्य प्रदेश के अनूपपुर ज़िले में स्थित अमरकंटक को नर्मदा और सोन नदी के उद्गम-स्थान के रूप में जाना जाता है. यह एक पौराणिक तीर्थस्थल है जो पुराणों में वर्णित सप्तकुल पर्वतों में से एक माना जाता है.
यहां पहुंचने के लिए आप निकटतम एयरपोर्ट जबलपुर, जो लगभग 245 किलोमीटर की दूरी पर है, पहुंचकर ट्रैक्सी या बस से यहां आ सकते हैं. जबकि रेल मार्ग से आना हो तो आप पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन पर उतरें. यह स्थल से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर है.
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
मध्यप्रदेश के खंडवा जिला में स्थित ओंकारेश्वर में ये ज्योतिर्लिंग है. जहां के बारे में मान्यता है कि अगर कोई यहां आकर अन्न दान करे या पूजा पाठ करे या यहां प्राण त्यागे तो उसे सीधा शिव के करीब स्थान प्राप्त होता है.
अगर यहां तक पहुंचने की बात की जाए तो यहां वायुमार्ग, सड़क मार्ग और रेल मार्ग से यहां पहुंच सकते हैं. वायुमार्ग से आने के लिए आपको इंदौर हवाई अड्डा पर पहुंचना होगा, जहां से ये जगह 77 किमी की दूरी पर है. जबकि रेलवे से आने के लिए आप खंडवा पहुंच सकते हैं.
कंदरिया महादेव मंदिर, खजुराहो
मंदिरों के खजुराहो समूह में सबसे बेहतरीन मंदिरों में से एक के रूप में प्रसिद्ध, कंदरिया महादेव मंदिर. अपने गर्भ गृह में एक शिव लिंगम के साथ, कंदरिया महादेव मंदिर मध्ययुगी की वास्तुकला का एक अद्भुत चित्र पेश करता है.
मंदिर सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुलता है.
चतुर्भुज मंदिर, ओरछा
भगवान विष्णु को समर्पित, चतुर्भुज मंदिर का निर्माण राजा मधुकर ने 1558 से 1573 के दौरान किया था. मंदिर का नाम चतुर्भुज रखा गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘जिसके पास चार भुजाएं हैं’ इसमें भगवान राम का जिक्र किया गया है.
मंदिर की दीवारों पर धार्मिक प्रतीकों के साथ खूबसूरत सजावट की गई है जो देखने में अद्भुत लगती है.
यह भी पढ़ें
Weight Loss Tips: घर के इन 4 कामों से कर सकते हैं आप भी अपना मोटापा कम, यहां पढ़ें
Google Pixel 8 Pro: गूगल पिक्सेल 8 प्रो का नया वेरिएंट हुआ लॉन्च, जानिए कीमत और फीचर्स
Book Tickets on Whatsapp: अब Whatsapp से करें दिल्ली मेट्रो टिकट बुक, ये रहें आसान स्टेप्स
MP Teerth Darshan Yatra, मध्य प्रदेश, 5 धार्मिक स्थलों, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, अमरकंटक, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, कंदरिया महादेव मंदिर, खजुराहो, चतुर्भुज मंदिर, ओरछा