Delhi Air Pollution: देश की राजधानी दिल्ली में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा हैं। दिवाली आने में अभी कुछ ही दिन बचे है, लेकिन अभी से दमघोंटू हवा के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल होने लगा हैं। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ‘अत्यंत गंभीर” स्तर पर पहुंच चुका है। शुक्रवार को कई जगहों पर AQI 500 के पार चला गया। प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए दिल्ली में GRAP-3 लागू कर दिया गया है।
GRAP-3 लागू होने से दिल्ली में बढ़ी पाबंदियां
दिल्ली में GRAP-3 लागू होने के बाद दिल्ली-एनसीआर में पाबंदियां और ज्यादा बढ़ गई हैं। इसी के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्राइमरी तक के स्कूलों को दो दिनों तक बंद रखने की घोषणा की है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण का हाल ऐसा ही बना रहेगा।
दिल्ली में GRAP-4 हो सकता है लागू
वहीं उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में भी प्रदूषण का स्तर देखने को मिला। दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। शुक्रवार को कई जगहों पर AQI 500 को पार कर गया। माना जा रहा था कि राजधानी में ग्रैप-4 लागू हो जाएगा। अधिकारियों की मीटिंग भी हुई, लेकिन ग्रैप-4 के लिए एक और दिन हालात देखने को फैसला लिया गया। इसी के साथ आज फिर से दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ तत्काल बैठक बुलाई है।
– बता दें कि 0-50 के बीच एक AQI को अच्छा
– 51-100 के बीच संतोषजनक
– 101-200 के बीच मध्यम
– 201-300 के बीच खराब
– 301-400 के बीच बहुत खराब
– 401-500 के बीच गंभीर माना जाता है
– वहीं 500 से ऊपर का AQI गंभीर प्लस श्रेणी में आता है
वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव
दिल्ली में डॉक्टरों का कहना है, प्रदूषण बढ़ने के कारण इसके कई तरह के हानिकारक स्वास्थ्य जोखिम वाले लोगों के मामले भी बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों से पता चलता है कि यहां सांस संबंधी समस्या वाले रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है। अधिकतर लोगों को खांसी, सर्दी,और आंखों में जलन-पानी आने और सांस लेने में समस्या हो रही है। इससे हर उम्र के लोग प्रभावित होते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, वायु प्रदूषण के कारण कई गंभीर और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी बढ़ता देखा गया है। प्रदूषण, फेफड़ों के साथ शरीर के कई अन्य अंगों को भी गंभीर तौर पर प्रभावित करता देखा जा रहा है।
क्या है GRAP 3
दिल्ली-एनसीआर में एयर पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू किया जाता है। ग्रैप को चार चरणों में बांटा गया है। जब एक्यूआई 201 से 300 के बीच होता है तो इसे पहला चरण होता है। इस स्थिति को खराब माना जाता है। जब एक्यूआई 301-400 होता है तो इसे स्टेज 2 कहा जाता है। इस लेवल को बहुत खराब माना जाता है। जब एक्यूआई 401-450 होता है तो स्टेज 3 लागू होता है। इसे गंभीर माना जाता है। जब एक्यूआई 450 से ऊपर होता है तो स्टेज 4 लागू होता है। इसे गंभीर प्लस माना जाता है।
GRAP 3 लागू होने पर क्या होता है
बदलाव- जब ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का तीसरा चरण लागू होता है तो इसमें कई पाबंदियां लागू होती है। इसमें निजी निर्माण कार्यों और ध्वस्तीकरण के कामों पर रोक होती है। हालांकि कुछ कैटेगरी के प्रोजेक्ट को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा। इस दौरान दीवारों पर रंगाई-पुताई पर भी रोक होती है। ड्रिलिंग का काम भी नहीं हो सकेगा। हॉट मिक्स प्लांट, ईंट के भट्ठे और स्टोन क्रशर चलाने पर इस दौरान पूरी तरह से रोक लगी रहेगी।
स्टेज 3 में 300 किलोमीटर के अंदर पॉल्यूशन फैलाने वाली इंडस्ट्रियल यूनिट, थर्मल पावर प्लांट के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों के तंदूर में कोयले और जलावन लकड़ी के इस्तेमाल पर भी रोक रहेगी। दिल्ली-एनसीआर में सभी माइनिंग और उससे जुड़ी एक्टिविटी पर रोक रहेगी।
इन चीजों पर नहीं रहेगी रोक- GRAP 3 के लागू होने कई ऐसी चीजें हैं, जिसपर पाबंदी नहीं होती है। इस दौरान रेलवे सर्विस के लिए प्रोजेक्ट, मेट्रो रेल सर्विस और मेट्रो स्टेशनों के लिए प्रोजेक्ट, एयरपोर्ट और इंटर स्टेट बस टर्मिनल से संबंधित चीजों पर रोक नहीं रहेगी। इसके अलावा सड़क, पुल, फ्लाईओवर, ओवर ब्रिज, पाइपलाइन, पावर प्लांट जैसी पब्लिक प्रोजेक्ट भी पहले की तरह चलते रहेंगे। इस दौरान बढ़ई का काम, बिजली संबंधी काम, प्लंबर के कामों पर रोक नहीं रहेगी। सफाई से जुड़े प्रोजेक्ट पर भी काम होता रहेगा।
ग्रैप-4 में क्या होता है।
चरण IV में सभी प्रकार के निर्माण और विध्वंस कार्यों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। राज्य सरकारें ऐसी स्थितियों के दौरान स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं और सरकारी और निजी कार्यालयों के लिए घर से काम करने की व्यवस्था पर निर्णय लेना होता है।
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