खरगोन से अविनाश रावत की रिपोर्ट।
खरगोन। बड़वाह के मोदरी और जंयतीमाता के जंगलों में फॉस्फोराइट का खजाना मौजूद है। एक कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट देकर एक लाख टन से ज्यादा फॉस्फोराइट निकालने की तैयारी की गई है।
इस प्रोसेस में जंगल भी काटे जाएंगे। इन्हीं जंगलों में टाइगर से लेकर लैपर्ड, हिरण, भालू समेत जानवरों की कई प्रजातियां मौजूद हैं। जियोलॉजिलक सर्वे ऑफ इंडिया ने सर्वे किया था, जिसके बाद नीलामी की गई थी।
बंसल न्यूज की टीम पहुंची बड़वाह के जगल में
प्रदेश में जिन खनिज ब्लॉक की नीलामी हुई है, उनमें से दो ब्लॉक बड़वाह वन मंडल के अधीन आते हैं। एक है मोदरी ब्लॉक और दूसरा जयंती माता ब्लॉक। इन दोनों जगहों से फॉस्फोराइट का खनन करने की तैयारी है। फॉस्फोराइट के खजाने वाले इन्हीं दो ब्लॉक का जायजा लेने बंसल न्यूज की टीम करीब 90 किमी दूर बड़वाह के जंगलों तक पहुंची।
हमें मिला च्यवन ऋषि का आश्रम
बड़वाह होते हुए यहां पहुंचे च्यवन के आश्रम। वैसे तो हजारों साल पुराना यह आश्रम आंखों की हर तरह की बीमारी ठीक करने के लिए जाना जाता है, लेकिन इन दिनों आश्रमवासियों के साथ आसपास के रहवासियों में जंगल कटने का डर बना हुआ है।
699.55 हेक्टेयर वन क्षेत्र में होगा खनन
बंसल न्यूज की पड़ताल के मुताबिक यह आश्रम मोदरी ब्लॉक में आता है, जहां 699.55 हेक्टेयर वन क्षेत्र में खनन होना है। अनुमान के मुताबिक 50625 टन फॉस्फोराइट निकाला जाना है।
इसके लिए सागवान के लिए लाखों पेड़ काटने की तैयारी है। इसकी नीलामी हो चुकी है। गुंडगांव की कंपनी द कमोडिटी हब ने सबसे बड़ी बोली गई थी। कंपनी ने सरकार तय रेट से 100.13 बोली लगाई थी।
हजारों टन फॉस्फोराइट निकाला जाएगा
इसी तरह जयंती माता ब्लॉक में 556.52 हेक्टेयर जंगल की जमीन खोदकर हजारों टन फॉस्फोराइट निकाला जाना है। हालांकि जयंतीमाता ब्लॉक की नीलामी में किसी ने भाग नहीं लिया, लिहाजा इसे भी होल्ड पर रखा गया है। इसकी नीलामी फिर से होना लगभग तय है।
पेड़ों को काटने की तैयारी चल रही
मोदरी और जयंतीमाता ब्लॉक में जिन जंगलों को फॉस्फोराइट निकालने के लिए काटने की तैयारी चल रही है, उनमें सबसे मजबूत किस्म का तेलिया सागवन प्रचुर मात्रा में है। बंदूक की बट इसी किस्म के सागवन की लकड़ी से बनती है। इसके अलावा अंजन, खैर, अमलताश, महुआ, अर्जुन, सहित सैकड़ों प्रजातियों के पेड़ भी यहां प्रचुर मात्रा हैं जिनका कई मायनों में औषधीय महत्व भी है।
जगंल में मौजूद हैं 40 से 50 तेंदुआ
यह सभी किस्म के पेड़ काटने की तैयारी है। पिछले दिनों महू और आसपास के जंगलों में जो टाइगर दिखा था, उसका स्थाई ठिकाना बड़वाह के इन्हीं जंगलों में है। इन्हीं जंगलों में करीब 30 से 40 तेंदुओं का घर भी है। इसके अलावा यहां भालू, हिरण, पेंथर समेत कई प्रजातियों के सांप, उल्लू और अन्य पशु पक्षी भी पाए जाते हैं।
गांव के लोग कर रहे प्रोजेक्ट का विरोध
सरकार ने सिर्फ फॉस्फोराइट निकालने के लिए पेड़-पौधों और वन्यजीवों की तमाम किस्मों का जीवन ताक पर रख दिया है। हालांकि बड़वाह और आसपास के गांवों में रहने वाले लोग कह रहे हैं कि वे इन जंगलों को किसी भी सूरत में नहीं कटने देंगे। जरूरत पड़ी तो बड़ा आंदोलन भी करेंगे।
51 ब्लॉकों में खनिज से सरकार कमाएगी 50 हजार करोड़
मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 51 खनिज ब्लॉकों में से ज्यादातर नीलाम कर दिए हैं। इनसे सरकार को 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की आय होना है। इन खनिज ब्लॉकों की नीलामी के बाद भले ही हमारा प्रदेश खनिज ब्लॉक नीलाम करने के मामले में देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है, लेकिन हमें इसकी कीमत भी चुकाना पड़ेगी।
प्रदेश में मौजूद हैं ये खनिज
दरअसल, प्रदेश में कोयला, चूनापत्थर, मैगनीज, लौह अयस्क हीरा एवं बाक्साइट खनिज के भंडार हैं। इन्हीं खनिजों के आधार पर प्रदेश में कई उद्योग स्थापित हुए हैं। इससे रोजगार को भी बढ़ावा मिला है, लेकिन यही खनिज निकालने के लिए प्रदेश में लाखों पेड़ों की बलि भी चढ़ाई जा रही है।
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