नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में कलस्टर और दिल्ली परिवहन की बसों में तैनात होने वाले मार्शलों ने शुक्रवार को हड़ताल की और वेतन का भुगतान नहीं किए जाने को लेकर दिल्ली सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक वे प्रशासनिक कार्यालय के बाहर धरना देंगे और उनका प्रदर्शन 24 घंटे चलेगा।
उपराज्यपाल सचिवालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि मामले से संबंधित घटनाक्रम में दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। केजरीवाल ने इस साल नवंबर से सभी नागरिक सुरक्षा स्वंयसेवकों की सेवा को बर्खास्त करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे सक्सेना ने मंजूरी दे दी।
नागरिक सुरक्षा के एक स्वंयसेवक ने पूछा, ”हमें पता था कि ऐसा होगा। हम 2015 से बस मार्शल के रूप में काम कर रहे हैं लेकिन अब अचानक हमारी तैनाती गैर कानूनी हो गई। उन्हें (सरकार को) हमारा बकाये का भुगतान करने के लिए निर्भया कोष का इस्तेमाल करना चाहिए। सरकार कैसे कह सकती है उसके पास पैसा नहीं है?”
एम्स में गले के कैंसर का इलाज करा रही बस मार्शल किरण देवी अपनी एक साल की बेटी को लेकर दिल्ली सचिवालय पहुंची थीं। उन्होंने कहा, ”कुछ दवाइयां ऐसी हैं, जिन्हें बाहर से खरीदना पड़ता है। पिछले पांच महीनों से मुझे मेरा बकाया नहीं मिला है इसलिए इतनी महंगी दवाइयां खरीदना बहुत मुश्किल हो गया है। मेरे पति घर में अकेले कमाने वाले हैं और हमें दो बच्चों की देखभाल करनी होती है।”
किरण की ही तरह बहुत से बहुत से स्वंयसेवकों ने इस मुश्किल भरे दौर का जिक्र किया और बताया कि भुगतान नहीं होने पर कैसे उनके लिए अपने बच्चों की शिक्षा के खर्चों को उठाना और अपने परिजनों की दवाइयां खरीदना कितना मुश्किल हो रहा है।बस मार्शल के रूप में 2015 से कार्यरत सचिन ने बताया कि यह उनका चौथा विरोध प्रदर्शन है।
उन्होंने बताया, ”हमने चार बार प्रदर्शन किया, एक बार उपराज्यपाल आवास पर, एक बार मुख्यमंत्री आवास पर, उसके बात डीटीसी मुख्यालय पर और अब दिल्ली सचिवालय के बाहर। हमने कई ज्ञापन सौंपे हैं लेकिन हमारी बात नहीं सुनी गई। करीब 60 से 80 फीसदी बस मार्शल किराए के मकान में रहते हैं और उनके पास किराया देने के लिए भी पैसे नहीं हैं।”
उन्होंने कहा कि बस मार्शलों को कोई चिकित्सा लाभ नहीं मिलता और अगर किसी ने कोई बड़ा कदम उठा लिया तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदेश के गृह मंत्री से नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को होमगार्ड के रूप में नियुक्त करने और उन्हें (होमगार्ड) राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक परिवहन बसों में मार्शल के रूप में तैनात करने को कहा है। इस कदम के बारे में जब सचिन से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ” सरकार की ओर से किया गया यह एक और झूठा वादा है। वे हमें गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।”
सचिन ने कहा चूंकि उपराज्यपाल ने उन्हें बर्खास्त करने का आदेश दिया है इसलिए वे अपने प्रदर्शन को और तेज करेंगे।उन्होंने कहा, ”जैसे-जैसे रात हो रही है पुलिसकर्मी हमें जगह खाली करने को कह रहे हैं। लेकिन जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक हम नहीं हटेंगे।”
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