सरगुजा से रोशन सोनी की रिपोर्ट। Dussehra 2023: जिले का लखनपुर एक मात्र ऐसा शहर है, जहां पिछले कई सालों से दशहरा के दूसरे दिन रावण दहन किया जाता है। कहा जाता है कि यह परंपरा 1944 से महाराजा लखन सिंह के सियासी काल से चली आ रही है।
ऐसे हुई शुरूआत
आयोजन समित ने बताया कि दशहरा मनाने के लिए यहां के राजा के साथ क्षेत्र की प्रजा पैदल और हाथी-घोड़े लेकर अंबिकापुर के राजा के पास नजराना लेकर जाती थी। जहां से वापस आने में पूरा दिन बीत जाता था।
यही कारण है कि लखनपुर में एक दिन बाद दशहरा पर्व मनाया जाता है और यह परंपरा आज भी कायम है। यहां का दशहरा पूरे प्रदेश के लिए खास है।
78 सालों से निभा रहे परंपरा
लखनपुर में होने वाले रावण दहन के कार्यक्रम में अंबिकापुर समेत अन्य शहरों से बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं।
यहां बस स्टैंड में दुर्गा पूजा समिति द्वारा पिछले 78 सालों से दुर्गा पूजा की जा रही है, जो पूरे सरगुजा संभाग में प्रसिद्ध है। वहीं आज लखनपुर में दशहरा के दूसरे दिन रावण का दहन किया जाएगा।
60 फीट उंचे रावण का होगा दहन
बता दें आयोजन समिति ने दहन के लिए 60 फीट उंचा रावण का पुतला बनाया है। जिसे शहर के मिनी साक्षरता स्टेडियम में जलाया जाएगा।
समिति के अनुसार, पिछले बार की तुलना में इस साल 10 फीट अधिक उंचे रावण का दहन किया जाएगा। रावण दहन के लिए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
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