Ganpath Review: आज फ्राइडे के पैकेज में बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन और टाइगर श्रॉफ की फिल्म गणपत ( Ganpath) सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। वहीं पर अब तक के रिलीज शो के मुताबिक फिल्म को सिर्फ एक्शन का पैकेज माना है तो यह फिल्म ड्रामा और इमोशन के कम पहलू को बयां करते है। फैंस के बेसब्री से भरे इंतजार को गणपत फिल्म ने निराशा से फेर दिया है। फिल्म देखने जाने से पहले आप फिल्म का रिव्यू पढ़ सकते है आइए जानते है…
जानिए क्या है फिल्म की कहानी
यहां पर फिल्म की कहानी की बात की जाए तो, यहां पर फिल्म की कहानी की शुरूआत स्टार महानायक दलपति ( अमिताभ बच्चन) से शुरू होती है। यहां पर फिल्म में हम देखते है कि, हां अमीर-गरीब के बीच की खाई बहुत ज्यादा बढ़ गई है. एक युद्ध के परिणाम की वजह से दुनिया का विनाश हो जाता है, इस दौरान बच गए अमीर, शक्तिशाली और लालची लोग ‘सिल्वर सिटी’ नाम से अपनी एक नई दुनिया बनाते हैं।
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इस भविष्य की दुनिया में गरीब की कोई जगह नहीं है तो वहीं पर हर कोई लड़ता है इसे लेकर बॉक्सिंग रिंग में दलपति यानि बिग बी नियम बनाते है जो बॉक्सिंग में जीतेगा वो दुनिया में शामिल होगा इसे बेटिंग की तौर पर लेता है और अमीर बनता है। यहां पर टाइगर यानि गणपत सबका रक्षक बनकर उभरता है तो वहीं उनका साथ देती जस्सी यानि कृति सैनन। इस फिल्म की कहानी बेहद ही कन्फ्यूजिंग है तो वहीं पर कहानी से सीधे कनेक्ट नहीं हो पाते।
कैसी है कलाकारों की एक्टिंग
यहां पर फिल्म में कलाकारों की एक्टिंग की बात की जाए तो, अमिताभ बच्चन इस फिल्म में दलपति के किरदार में केवल कैमियो कर रहे है जो हमेशा से अपने अभिनय के शंहशाह है। वहीं पर टाइगर पर बेस्ड यह फिल्म गणपत के तौर पर भरपूर एक्शन का फुल पैकेज देता है। कृति का तालमेल टाइगर से पुराना है फिल्म में वहीं केमेस्ट्री और अभिनय नजर आया जो हीरोपंती में रहा। राशिन रहमान ने भी अपने किरदार शिवा को न्याय दिया है।
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कैसी है फिल्म की राइटिंग और निर्देशन
यहां पर फिल्म की बात की जाए तो, विकास बहल पहले से ही निर्देशन के सरताज रहे है लेकिन गणपत के लिए नया एक्सपेरिमेंट कमाल नहीं दिखा पाया है कुछ। फिल्म में गुड्डू मुंबई की मराठी हिंदी टपोरी भाषा में बात करता है, उसके दादाजी दलपति पंजाब के किसी गांव के मुखिया लगते हैं और उसके माता-पिता किसी ग्रीस माइथोलॉजी के किरदार।
यहां पर फिल्म का डायरेक्शन थोड़ा फिल्म को कमजोर करता है। कमजोर स्क्रीनप्ले, डिटेलिंग की कमी इस फिल्म को बेहद कन्फ्यूज़िंग बनाती है।
कैसे है फिल्म के गाने
यहां पऱ फिल्म के गाने को लेकर बात की जाए तो, एक गाना अपने एरर के साथ ही फिल्म में रिलीज हुआ है जिसे शायद सही किया जा रहा है। टाइगर फीमेल सिंगर की वजह आवाज से लिपसिंक कर रहे हैं. हालांकि ये गलती पर काम शुरू है. गणपत के गाने अच्छे हैं. लेकिन बैकग्राउंड म्यूजिक पर काम किया जा सकता है।
फिल्म में नजर आया वीएफएक्स थोड़ा औऱ काम में लिया जा सकता था। यह बात दर्शकों को नागवार ना गुजरे, फिल्म का नाम गणपत है, इसका मतलब ये नहीं कि कही पर भी भगवान गणपति पर बनाए गए गाने का इस्तेमाल किया जाए। फिल्म के दूसरे पार्ट की घोषणा भी इस फिल्म में किया गया है।
यहां पर दिए गए रिव्यू को पढ़ आप फिल्म को देखने जा सकते है अगर आप एक्शन के शौकीन है तो यह फिल्म आपको पसंद आएगी और भविष्य की दुनिया को देखने वाले दर्शकों के लिए भी।
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