Youvah Success Story: पढ़ाई पूरी करने के बाद ज्यादातर स्टूडेंट यही सोचते हैं कि आखिर उन्हें अच्छी नौकरी कैसे मिलेगी। अच्छा करियर बनाने के लिए एक अच्छी कंपनी की जरूरत होती है और साथ ही जरूरत होती है बहुत सारी अन्य स्किल्स की।
स्टूडेंट्स को मिलता है इनटर्नशिप का प्लेटफॉर्म
अधिकतर स्टूडेंट पढ़ाई के बाद इनटर्नशिप करना पसंद करते हैं। अब तो नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में इनटर्नशिप को भी पढ़ाई का हिस्सा बना दिया गया है, ताकि स्टूडेंट्स को अच्छी स्किल्स मिल सकें। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर इनटर्नशिप मिलेगी कैसे? क्या हर कंपनी में जाकर इनटर्नशिप के लिए आवेदन करना होगा?
इसी समस्या का सॉल्यूशन लेकर आया है Youvah। ये स्टार्टअप स्कूल के 9 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स को इनटर्नशिप का प्लेटफॉर्म मुहैया कराता है।
खरगौन से शुरू हुआ स्टार्टअप
इस स्टार्टअप की शुरुआत चेतन जॉचपुरे (23), राघव परसाई (23) और रोहित जैन (25) ने जनवरी 2022 में की थी। ये स्टार्टअप मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर खरगौन से शुरू हुआ था, लेकिन बाद में इसे इंदौर शिफ्ट किया गया।
कैसे आया इनटर्नशिप को बिजनेस बनाने का आइडिया?
चेतन, राघव और रोहित का ये पहला बिजनेस नहीं है। इससे पहले खरगौन से ही इन्होंने मिलकर कुडोस (Kudos) नाम का ऐप शुरू किया था। बचपन के दोस्त चेतन और राघव स्कूलिंग के दौरान रोहित से मिले थे और फिर तीनों ने मिलकर टीनएजर्स के लिए ये कम्युनिटी प्लेटफॉर्म शुरू किया। तीनों दोस्तों ने इसकी शुरुआत इसलिए की थी, ताकि टीनएजर्स किसी प्लेटफॉर्म पर अपना टैलेंट दिखा पाएं।
करीब 1 हजार बच्चे इस प्लेटफॉर्म से जुड़ भी गए, लेकिन यह बिजनेस स्केल नहीं हो सका। दरअसल, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी उन्हें अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिल रहा है, जिसकी वजह से एक सवाल उठने लगा कि आखिर इसके लिए अलग प्लेटफॉर्म की क्या जरूरत।
नाम कैसे रखा
चेतन ने राघव और रोहित के साथ मिलकर रिसर्च शुरू कर दी। उसके बाद उन्होंने कुडोस को बंद किया, क्योंकि वह स्केल नहीं हो पा रहा था और यूवाह (Youvah) की शुरुआत की। ये नाम एक तो दिखाता है कि ये ‘युवा’ से जुड़ा है। दूसरा इसमें यू (You) और वाह हैं।
एक के बाद एक मिलीं कई सफलताएं
— सबसे पहले यूवाह के फाउंडर्स ने आईआईएम बेंगलुरु के प्री एक्युबेशन प्रोग्राम एएसआरसीएल के लिए अप्लाई किया। 15-20 दिन इंटरव्यू चले और यूवाह मध्य प्रदेश का पहला स्टार्टअप बना, जिसे एएसआरसीएल में इनक्युबेशन मिला।
— 2-3 महीने बाद आईआईएम अहमदाबाद के CIIE.CO एनक्युबेशन ने मौका दिया और यहां तक पहुंचने वाला भी यह मध्य प्रदेश का पहला स्टार्टअप बना। आईआईएम अहमदाबाद के ही एक प्रोग्राम ईआईआर के तहत इस स्टार्टअप को हर महीने 30 हजार रुपये की स्कॉलरशिप मिलनी शुरू हुई।
इस तरह साल भर में कंपनी को 3.6 लाख रुपये की स्कॉलरशिप मिली।
कुछ समय बाद आईआईएम अहमदाबाद से इस स्टार्टअप को 35 लाख रुपये का चेक भी मिला। इसके मामले में भी यह मध्य प्रदेश का पहला स्टार्टअप बना। यह फंड प्री-सीड राउंड के तहत मिला है।
कैसे काम करता है ये स्टार्टअप?
यह स्टार्टअप दो तरह के प्रोग्राम चलाता है- बीटा और अल्फा। बीटा के तहत कई कैटेगरी हैं, जैसे सोशल मीडिया, कंटेंट राइटिंग, वीडियो एडिटिंग, फाइनेंस मैनेजमेंट और भी बहुत कुछ। इसमें पहले 15 दिन की ट्रेनिंग होती है और फिर 4 दिन की प्रोफेशनल ट्रेनिंग होती है।
इसके बाद प्लेटफॉर्म के ही रेज्यूमे बिल्डर की मदद से बच्चे अपना रेज्यूमे बनाते हैं और फिर उनकी कैटेगरी के हिसाब से ही उनका एक टेस्ट होता है। टेस्ट के बाद उन्हें एक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट दिया जाता है। टेस्ट के आधार पर उन्हें अलग-अलग टास्क मिलते हैं, जो उनकी इनटर्नशिप होती है।
पेड इनटर्नशिप का ऑफर
कंपनी का दूसरा काम करने का तरीका है पेड इनटर्नशिप। यह उन्हीं को ऑफर होती है जो पहले इनटर्नशिप सर्टिफिकेट हासिल कर चुके होते हैं। इसके तहत बच्चों को अलग-अलग कंपनियों में ऑनलाइन तरीके से ही पेड इनटर्नशिप दी जाती है।
चेतन बताते हैं कि अभी कंपनी के पास 200 से ज्यादा बच्चे हैं, जो पेड इनटर्नशिप कर रहे हैं। बच्चों को पेड इनटर्नशिप के तहत 10 हजार से लेकर 45 हजार रुपये तक प्रति महीना कमाने का मौका मिल रहा है।
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