MP Aaj Ka Mudda: मध्यप्रदेश के मंडला में आज प्रियंका गांधी ने कई बार दादी इंदिरा गांधी का जिक्र किया। इससे पता चलता है क्या कांग्रेस इमोशनल कार्ड के जरिए आदिवासी वोट बैंक को साध रही है।
मंडला में कांग्रेस की चुनावी सभा
मध्यप्रदेश के महाकौशल में प्रियंका गांधी एक बार फिर इंदिरा की छवि के साथ आदिवासी वोटरों के बीच नजर आईं। चुनावी बिगुल बजने के साथ ही कांग्रेस अपने परंपरागत वोट बैंक को मजबूत करने में जुट गई है।
आदिवासियों के बीच पहुंची प्रियंका
मंडला की सभा में प्रियंका ने कईं बार दादी इंदिरा का जिक्र किया और आदिवासियों से उनके नाते को याद दिलाया। प्रियंका उसी छवि को भुनाते हुए आदिवासियों के हक और उनके साथ हो रहे अत्याचार की बात करती नजर आई। प्रियंका ने तेंदूपत्ता और पेसा एक्ट के जरिए महिलाओं और किसानों का मुद्दा उठाया। तो साथ ही पढ़ो और पढ़ाओ योजना का चुनावी वादा भी किया।
इंदिरा के बहाने, आदिवासी वोट !
इंदिरा कनेक्शन के जरिए कांग्रेस वही छवि प्रियंका गांधी के लिए गढ़ना चाहती है। जो दशकों पहले इंदिरा गांधी की आदिवासियों के बीच थी। इसका मध्यप्रदेश समेत बाकी चुनावी राज्यों में भी फायदा मिल सकता है। इधर बीजेपी कांग्रेस की इस कवायद को बखूबी समझ रही है और मध्यप्रदेश में आदिवासियों के लिए कामों को याद दिलाकर कांग्रेस पर तंज कस रही है।
क्या आदिवासी वोट बैंक बनेगा चुनौती ?
बीते चुनाव में आदिवासी वोट बैंक बीजेपी से ठिठक कर कांग्रेस के खाते में गया था। जिसके बूते कांग्रेस की कमलनाथ सरकार काबिज हुई। इस बार बीजेपी 2023 और 24 को फोकस करते हुए देशभर में आदिवासी वोट बैंक को साध रही है। अब देखना होगा 23 में आदिवासी किसका साथी बनता है।
आदिवासी सीटों के नतीजे
बंसल न्यूज के सवाल
सवाल 1 – क्या कांग्रेस इंदिरा की छवि से आदिवासी वोट बैंक टारगेट कर रही है?
सवाल 2 – क्या कांग्रेस प्रियंका की इंदिरा गांधी जैसी छवि गढ़ना चाहती है?
सवाल 3 – 2018 की तरह क्या आदिवासी वोटर्स बीजेपी के लिए चुनौती बनेंगे?
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