Digital Registration Of Births and Deaths: भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया के माध्यम से अनेक ऐसे क़दम उठाये हैं, जिससे आम आदमी की जीवन प्रक्रियाएं पहले से अधिक आसान हो गई है।
सरकार आए दिन अलग-अलग तरह से लोगों को सुविधा के लिए कदम उठाती है, उन्हीं में से एक महत्वपूर्ण कदम है डिजिटल पंजीकरण। डिजिटल पंजीकरण के माध्यम से लोग अब अपने जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्रों को डिजिटली सुरक्षित कर सकते हैं
और जब चाहे जिस तरह से चाहे उसका अपने अनुसार उपयोग कर सकते हैं। इस पंजीकरण के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे भी पहले से अधिक मजबूत हो सकेंगे। इसके लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
तो आइये जानते हैं क्या है जन्म और मृत्यु का डिजिटल पंजीकरण और कैसे कर सकते हैं इसमें अप्लाई-
जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम में हुआ संशोधन
हाल ही के मानसून सत्र में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण संशोधन अधिनियम, 2023 पारित किया गया। इस अधिनियम 1969 का संशोधन है। यह केन्द्रीय अनुसूची का अधिनियम है, जिसे राज्य सरकारें भी लागू करती हैं।
जानकर हैरानी होगी पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से इस अधिनियम में किसी प्रकार का कोई भी संशोधन नहीं किया गया था। लेकिन अब केन्द्र सरकार ने इसमें पहली बार संशोधन किया है।
आवेदन करने की प्रक्रिया हुई आसान
डिजिटल पंजीकरण के माध्यम से अब जन्म एवं मृत्यु पत्र बनवाने के लिए घर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और घर बैठे डिजिटल जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र भी मिल सकेगा।
इस प्रमाण-पत्र का प्रयोग दस्तावेज के तौर पर किया जाएगा
बता दें कि अब 1 अक्टूबर, 2023 के बाद जन्म लेने वाले सभी भारतीय बच्चों के जन्म प्रमाण-पत्र को इकलौते ऐसे दस्तावेज के तौर पर प्रयोग किया जाएगा।
इस प्रमाण-पत्र के आधार के माध्यम से वह किसी भी शिक्षण संस्थान में प्रवेश लेने, केंद्र अथवा राज्य सरकार में नौकरी पाने, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस तथा विवाह पंजीकरण आदि में प्रयोग कर सकता है।
यह ऑनलाइन प्रक्रिया है निशुल्क
ऑनलाइन आवेदन शुक्ल की बात करें, तो पहली बार जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाने में सरकार की ओर से कोई भी शुल्क नहीं लिया जायेगा। लेकिन यदि आप दोबारा जन्म अथवा मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाते हैं, तो उसके लिए आपको आवेदन शुल्क आवश्यक रूप से देना होगा।
ऐसे करें आवेदन
घर पर पैदा हुए बच्चों का जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए आवेदक को बच्चे के जन्म के 21 दिनों के भीतर आवेदक के पहचान-पत्र और निवास प्रमाण-पत्र के साथ सहजता से आवेदन हो जायेगा और आसानी से घर पर ही डिजिटल प्रमाण-पत्र प्राप्त हो जायेगा।
लेकिन अधिक देर करने पर रजिस्ट्रार द्वारा सत्यापन के बाद ही बच्चे का जन्म प्रमाण-पत्र बन सकेगा। इसके अलावा यदि जन्म से 1 वर्ष बाद आप जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने जाते हैं, तो उप-जिलाधिकारी अथवा जिलाधिकारी से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही जन्म प्रमाण-पत्र बन सकेगा।
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