GI Tag: GI का पूरा मतलब Geographical Indication यानी भौगोलिक संकेत। जीआई टैग (GI Tag) एक प्रतीक है, जो मुख्य रूप से किसी उत्पाद को उसके मूल क्षेत्र से जोड़ने के लिए दिया जाता है। जीआई टैग उत्पाद की विशेषता बताता है। आसान शब्दों में कहें तो जीआई टैग बताता है कि विशेष उत्पाद किस जगह पैदा होता है या इसे कहां बनाया जाता है।
यह उन उत्पादों को ही दिया जाता है, जो अपने क्षेत्र की विशेषता रखते हों, ये कहें कि वह सिर्फ उसी क्षेत्र में पैदा होते हों या बनाए जाते हों।
कौन देता है GI Tag?
भारत की संसद ने वर्ष 1999 में रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत ‘जियोग्राफिकल इंडिकेशंस ऑफ गुड्स’ लागू किया था। 2003 में जीआई टैग देने की शुरुआत हुई थी। साल 2004 में सबसे पहले पश्चिम बंगाल की दार्जलिंग चाय को जीआई टैग दिया गया था।
GI टैग का फायदा?
जीआई टैग के जरिये उत्पादों को कानूनी संरक्षण मिलता है, मतलब मार्केट में उसी नाम से दूसरा प्रोडक्ट नहीं लाया जा सकता है। इसके साथ ही जीआई टैग किसी उत्पाद की अच्छी गुणवत्ता का पैमाना भी होता है, जिससे देश के साथ-साथ विदेशों में भी उस उत्पाद के लिए बाजार आसानी से मिल जाता है। साधारण भाषा में कहें तो जीआई टैग के जरिए उस उत्पाद के लिए रोजगार से लेकर राजस्व वृद्धि तक के दरवाजे खुल जाते हैं।
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