Aaj Ka Mudda: मध्यप्रदेश की महाभारत में बीजेपी अपने 79 (उन्यासी) अर्जुन उतार चुकी है, वहीं कांग्रेस के सूरमा टिकट पाकर सिकंदर बनने का इंतजार कर रहे हैं। आखिर क्यों कांग्रेस के दावेदारों के लिए इंतजार की इंतहा होती जा रही है।
क्या बीजेपी के चुनावी रणबांकुरों के एलान के बाद कांग्रेस बैकफुट है? या फिर वो किसी खास सियासी रणनीति के तहत उम्मीदवारों के एलान में देरी कर रही है?
बीजेपी जहां देरी को कांग्रेस संगठन की कमजोरी से जोड़ रही है, तो वहीं कांग्रेस इसे देरी न मानते हुए चुनाव प्रबंधन का फंडा बता रही है।
‘कौनसा टिकट बिकेगा, वो भी तय नहीं’
इसी बीच आशीष अग्रवाल, प्रदेश मीडिया प्रभारी, बीजेपी ने काँग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, “देखिए कोई सियासी दाव नहीं है, काँग्रेस में टिकटों के मानदंड दो हैं।
एक तो गुटों के बीच कितना बटवारा है ये तय नहीं हुआ है तो दिग्विजय, कमलनाथ, अरुण यादव इनके आवंटन अभी तय नहीं हैं। दूसरा बोली, जो बोली का सिलसिला है कि कितनी बोली पर कौनसा टिकट बिकेगा, वो भी अभी तय नहीं है। तो बिना इन दोनों मानदंडों के कैसे काँग्रेस के टिकट बटेंगे।
सारे टिकट तैयार हैं: काँग्रेस
उसके बाद भूपेंद्र गुप्ता, उपाध्यक्ष, कांग्रेस मीडिया विभाग ने कहा, “बीजेपी में लठ सरेआम चल रहे हैं, इसको कितना छुपाएंगे ये। लोग कह रहे हैं हमें चुनाव ही नहीं लड़ना है, मंत्री मना कर रहे हैं चुनाव लड़ने से। तो बीजेपी अपनी आँख क्यों नहीं देख रही है, दूसरों से कह रही है तुम्हारी आँख में दाग है।
हमारे यहाँ सारे टिकट तैयार हैं और सारी रीतियाँ हो चुकी हैं। 3 तारीक को हमारी स्क्रीन कमिटी की बैठक है, उसके बाद हम अपने हिसाब से तय करेंगे। हमारे टिकट बीजेपी तय करेगी क्या।”
टेंशन नहीं है टिकट
बीजेपी की प्रयोगशाला कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में कांग्रेस उसी के स्टाइल में चुनाव लड़ती दिख रही है। कहा जा सकता है कि 2018 से लेकर अभी तक पीसीसी चीफ कमलनाथ ने बीजेपी से बहुत कुछ सीखा है।
नाथ की लीडरशिप में कांग्रेस संगठन गांव-गांव तक पहुंचा है। बीजेपी बूथ मैनेजमेंट पर फोकस कर रही है तो कांग्रेस भी बूथ प्रबंधन पर काम कर रही है। कांग्रेस के टिकट वितरण में जो देरी हो रही है, उसके पीछे क्या रणनीति है, ये समझना भी जरूरी है।
लिस्ट तैयार, बस एलान का इंतजार
बीजेपी और कांग्रेस के लिए मध्यप्रदेश की चुनावी लड़ाई बेहद अहम है, क्योंकि देश के दिल से संदेश दूर तलक जाएगा। इसीलिए कांग्रेस बीजेपी की हर चाल पर नज़र रखते हुए आगे बढ़ रही है।
टिकट के लिए दावेदारों को इंतजार कराना भी कांग्रेस की उसी प्लानिंग का हिस्सा समझ पड़ता है, क्योंकि कमलनाथ पहले भी कह चुके हैं कि जिन्हें इशारा करना था किया जा चुका है। मतलब साफ है, लिस्ट तैयार है बस एलान का इंतजार है।
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