MP Aaj Ka Mudda: दिग्गजों को मैदान में उतारकर बीजेपी ने बड़ी चतुराई से चेहरों की लड़ाई और एंटी इनकंबेंसी को सतह पर ला दिया है। बीजेपी ये दांव चलकर कांग्रेस को तो उलझाने की कोशिश की ही है। साथ ही पार्टी के अंदर की उन आवाजों को भी खामोश कर दिया है जो विद इन द पार्टी परेशानी बन सकती थीं।
वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि युद्ध और प्रेम में सब जायज है। अब इसमें चुनाव को भी जोड़ा जा सकता है। अगर चुनाव को युद्ध मान लिया जाए तो बीजेपी से बेहतर प्रबंधन फिलहाल कोई और करता नहीं दिखता।
बीजेपी का दिग्गजों पर दांव!
बीजेपी की दूसरी सूची में जिस तरह से दिग्गजों को जगह मिली वो सियासी पंडितों को चौंकाने वाला तो रहा। इससे बीजेपी ने दिग्गजों को मैदान में उतारकर चेहरों की लड़ाई की तरफ बढ़ रहे चुनावी गुब्बारे की हवा निकाल दी। बड़ी चतुराई से बीजेपी ने इलेक्शन को मल्टीफेस की तरफ मोड़ दिया।
खत्म होगा एंटी इनकंबेंसी फैक्टर?
इसके साथ ही इस कदम से उसने एंटी इनकंबैंसी फैक्टर को भी खत्म करने की कोशिश की है। चुनावी चातुर्य दिखाते हुए बीजेपी ने दिग्गजों को तो महाभारत में चिड़िया की आंख दिखाकर युद्ध में उतारा ही है। अपने इस सियासी दांव से उसने कांग्रेस को भी उलझाने की कोशिश की है।
अब कांग्रेस उन चेहरों को टारगेट करने की तरफ मुड़ती दिख रही है जो बीजेपी की तरफ से मैदान में उतर रहे हैं। हालांकि कांग्रेस बीजेपी के इस कदम को उसकी छटपटाहट और बेचैनी करार दे रही है।
चेहरों की लड़ाई का बदला एंगल
दिग्गजों पर दांव लगाकर बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए नेताओं को भी कांग्रेस के सीधे हमले से बचाने का काम किया है। इसके साथ ही पार्टी के अंदर उठ रही विरोध की आवाज़ों को खामोश करने की कारगर रणनीति भी अपनाई है। एक तीर से कई निशाने साधने के लिए जानी जाने वाली बीजेपी ने दूसरी लिस्ट से भी वही किया है।
बीजेपी की ये चुनाव नीति सफलता की गारंटी भले ना मानी जा रही हो लेकिन इस चुनावी चाल ने बीजेपी को कांग्रेस से मिल रही टक्कर में थोड़ा एडवांटेज तो जरूर दिया है।
बंसल न्यूज के सवाल
सवाल 1 – क्या दिग्गजों पर बीजेपी के दांव से चेहरों की लड़ाई टल जाएगी ?
सवाल 2 – क्या बीजेपी के इस चुनावी चातुर्य में उलझ रही है कांग्रेस ?
सवाल 3 – क्या इस कदम से पार्टी के अंदर उठ रहे विरोध के सुर शांत हो जाएंगे ?
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