कोण्डागांव। दक्षिण वन मंडल कोंडागांव अंतर्गत वन परिक्षेत्र नारंगी के तत्कालीन रेंजर ललित दुबे, उनके अधीनस्थ कर्मचारी लुदरू राम सूर्यवंशी व सुनील चंद्र मिश्रा और ठेकेदार नारायण देवांगन पर शासकीय रकम को फर्जी तरीके से गबन करने के आरोप लगे थे। अब इस मामले में न्यायालय का फैसाला आया है। जिला न्यायालय ने चारों आरोपियों को दोषी ठहराया है और चारों आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई।
यह था पूरा मामला
इन आरोपियों ने मृत व्यक्ति के नाम पर फर्जी बिल बनाकर सरकारी राशि निकाली थी। मामले में कोर्ट तीन कर्मचारियों सहित एक अन्य को पाया दोषी। दरअसल, पूरा मामला दक्षिण वन मंडल कोंडागांव के अंतर्गत आने वाले दहीकोंगा वन परिक्षेत्र के डोंगरीपारा से जुड़ा हुआ है। यहां पर कक्ष क्रमांक पी- 795 में पुष्प वाटिका का निर्माण नंरगी वन परिक्षेत्र को करना था। इस काम के लिए नियुक्त
2 मार्च 2014 की है घटना
मामले का खुलासा करते हुए शासन की ओर से पैरवी करने वाली सहायक जिला अभियोजक अधिकारी निधि यादव ने बताया कि सिटी कोतवाली पुलिस ने 2 मार्च 2014 को दक्षिण वन मंडल के वन परिक्षेत्र नारंगी रेंजर सह प्रभारी दहीकोंगा अधिकारी ललित दुबे सहित दो अन्य कर्मचारियों ने एक मृत व्यक्ति के नाम पर निर्माण सामग्री परिवहन किया जाना बताया और सरकारी विभाग में फर्जी बिल पेश 247200 लाख रुपए की राशि निकाल ली।
तीन-तीन की हुई सजा
इसी मामले में 19 सितंबर 2023 को मुख्य न्यायाधीश प्रथम श्रेणी शिव प्रकाश त्रिपाठी ने फैसाला सुनाते हुए इस प्रकरण में धारा 420, 467,468, 471 के साथ 34 भारतीय दण्ड संहिता के तहत चोरों आरोपियों को तीन-तीन साल का सश्रम करावास एवं 2000 -2000 के जुर्माने से दंडित किया गया।
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