Dog Bites: कुत्ते के काटने से लापरवाही नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से आप रेबीज की शिकार हो सकते हैं। रेबीज को हाइड्रोफोबिया भी कहा जाता है। ये जानवरों से फैलने वाला जूनोटिक इन्फेक्शन होता है। कुछ लोगों को इस बात के बारे में जानकारी नहीं है कि कुत्ते के काटने के बाद क्या करना चाहिए। चलिए आज हम आपको बताते है कि कुत्ते के काटने के बाद क्या करना चाहिए।
- कुत्ते के काटे हुए घाव को खुला रखें। भूलकर भी करड़े से न बांधें।
- घाव को तुरंत साबुन से धोएं।
- 24 घंटे में डॉक्टर को दिखाएं और इन्फेक्शन से बचने के लिए पहला इंजेक्शन लगवाएं।
- घाव पर रगड़कर इस जगह को अच्छी तरह गर्म पानी से साफ कर लेना चाहिए।
- घाव पर बीटाडिन मलहम लगा लें।
WHO के अनुसार
अगर हो सके तो ये जानने की कोशिश करें कि रेबीज वाले कुत्ते ने तो नहीं काटा है। अगर रेबीज वाले कुत्ते ने काटा है तो आपको भी रेबीज हो सकता है। WHO की मानें तो रेबीज का कोई इलाज नहीं है औऱ इससे 5-6 दिन के अंदर इंसान की मौत हो जाती है।
कुत्ते के काटने के बाद कुत्ते पर नजर रखें और अगर कुत्ते की कुछ दिनों में मौत हो जाती है तो आपकी भी मौत तय है।
कुत्तों में रेबीज के लक्षण
जब कुत्ता नहीं छेड़ने पर कांटने लगे।
कुत्ता लकड़ी या अन्य वस्तुओं को काटने लगे।
कुत्ते का घर से भागना और किसी को राह चलते काटना।
कुत्ता सांस लेने के लिए तेज हांफे।
कुत्ता यो कोई भी जानवर रेबीज के लक्षण मिलने पर मर जाए।
पीड़ित मे रेबीज के लक्षण
* कुत्ते का काटने पर चिड़चिड़ा होना
* बुखार आना
* मुंह से लार निकलना
* मांसपेशियों में जकड़न महसूस होना
कुत्ते के काटने के बाद का इलाज
रेबीज वाले कुत्ते के नहीं काटने पर डॉक्टर इलाज के लिए इन इंजेक्शन की सलाह देते है।
* मामूली खरोंच के लिए टीका लगवाना सबसे जरूरी है। कुत्ते के गहरे काटने पर एंटी-रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन जरूरी है।
* ज्यादातर केस में डॉक्टर टांकें लगाने से बचते है क्योंकि इससे शरीर के दूसरे अंगों पर अरस पड़ता है।
* अगर पालतु कुत्ते ने काटा है, तो 3 टीके लगाने होते है। पहला टीका कुत्ते के काटने के 1 दिन बाद, दूसरा टीका 3 दिन बाद और तीसरा टीका 7 दिन बाद।
* अगर आवारा कुत्ते ने काटा है, तो तीसरे टीके के बाद एक हफ्ते के अंदर 5-7 टीके लगवाने होंगे।
* हल्की खरोच आने पर आपको तीन टीके जरूर लगवाने होंगे।
खाने में न दें ये चीजें
चूंकि रेबीज का वायरस फैलता है ऐसे में उसकी रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन के अलावा खानपान भी ठीक रखना जरूरी है। मरीज को इम्यूनिटी बढ़ाने वाला खाना जैसे ताजा फल, सब्जियां, जूस, सुपाच्य खाना दें। तला-भुना भोजन, चिप्स आदि ज्यादा मसालेदार चीजें, आलू, टमाटर, धनिया आदि सब्जियां और मीट कुछ दिन खाने के लिए न दें।
कुत्ता पालना के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी
कुत्ते के काटने के बढ़ते मामलो को देखते हुए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (greater noida authority) में अब हर साल डॉग रजिस्ट्रेशन (Noida Dogs registration) करना जरूरी बना दिया गया है। अथॉरिटी के वरिष्ठ प्रबंधक स्वास्थ्य सलिल यादव की तरफ से इसका नोटिस जारी किया गया था।
ग्रेनो अथॉरिटी ने इसके साथ सभी सोसायटी में डॉग फीडिंग पॉइंट बनाने का भी फैसला लिया है। इसके लिए एक 6 सदस्यीय कमेटी का भी गठन कर दिया गया है।
वहीं बता दें कि पालतू विदेशी नस्ल के डॉग का रजिस्ट्रेशन शुल्क 500 रुपये, देशी नस्ल के डॉग का 100 रुपये में होगा रजिस्ट्रेशन। इस फैसले के पीछे ग्रेटर नोएडा में कुत्तों की संख्या पता करने के साथ अवैध ब्रीडिंग पर रोक लगाना भी है। ग्रेनो अथॉरिटी जल्द ही घायल, अक्रामक औरबीमार घायल कुत्तों के लिए एक एनिमल हॉस्पिटल और शेल्टर होम का भी निर्माण करेगी।
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