RakshaBandhan: नयी दिल्ली| भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने केंद्र सरकार के ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ (वीवीपी) के तहत सीमावर्ती गांव के लोगों से जुड़ने के लिए विशाल पैमाने पर ‘रक्षाबंधन’ कार्यक्रम का आयोजन किया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को इस बात की जानकारी दी।
आईटीबीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं और लड़कियों ने बुधवार और बृहस्पतिवार को त्योहार मनाने के लिए लद्दाख, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के अग्रिम इलाकों में तैनात जवानों की कलाई पर राखी बांधी।
हजारों महिलाओं और लड़कियों ने आईटीबीपी के जवानों को बांधी राखी
देश की हिमालयी सीमा की सीमावर्ती आबादी ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जांबाज हिमवीरों के साथ रक्षा बंधन मनाया। सीमावर्ती इलाकों की हजारों महिलाओं और लड़कियों ने आईटीबीपी के उन जवानों को राखी बांधी, जो भारत-चीन सीमा की पूरी 3,488 किलोमीटर की रक्षा करते हैं।
लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम की 4,000 से 16,000 फीट की ऊंचाई वाली सीमाओं के सैकड़ों सीमावर्ती गांवों और कई अंदरूनी इलाकों में स्थानीय आबादी ने आईटीबीपी के हिमवीरों के साथ राखी का त्योहार मनाया है।
90 हजार जवानों को एलएसी की रक्षा करने का काम सौंपा गया है
बता दें कि लगभग 90 हजार जवानों के मजबूत बल को मुख्य रूप से 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रक्षा करने का काम सौंपा गया है। एलएसी देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्से में उपरोक्त राज्यों से होकर गुजरती है।
कार्यक्रम की तस्वीरों में वर्दी पहने आईटीबीपी जवान स्थानीय महिलाओं के साथ मिठाई और शुभकामनाओं का आदान प्रदान करते दिख रहे हैं। सुरक्षा बल के दिल्ली स्थित मुख्यालय की ओर से सभी सीमा इकाइयों और पोस्ट को वीवीपी के तहत रक्षाबंधन पर्व के मद्देनजर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया था।
अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि वीवीपी के तहत पहली बार इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम के पहले चरण के तहत सीमावर्ती के 662 गांवों को दायरे में लिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 10 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश के किबिथू से इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी।
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