Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, जांजगीर जिले में सबसे ज्यादा धान की खेती होती है। इसे लेकर नई सोच के साथ धान की बलियों से राखी बनाई जा रही हैं।
जिले की बेटी नंदनी बघेल ने कलात्मक विचार से धान से राखी बनाई है, जिसकी लोग खूब सराहना कर रहे हैं।
21 वर्षीय नंदनी ने धान से राखी बनाई है
इस रक्षाबंधन के मौके पर भाई की कलाई में धान से बनी राखियां भी देखने को मिलेंगी। नवागढ़ ब्लाक के ग्राम सुकली की रहने वाली 21 वर्षीय नंदनी बघेल ने धान से राखी बनाई है जिससे बाजार में इसकी खूब सराहना हो रही है। नंदनी ने कहा कि धान से राखी बनाने के लिए बाजार से केवल रिबन और रंग की खरीदी की है।
एक राखी के बनाने में मेहनत और बहुत समय लगता है, इसलिए उन्होंने बाजार में एक राखी की कीमत 50 रुपये रखी है।
धान से पहली बार 500 राखी ही बनाई गई हैं। नंदनी ने कहा कि इसमें धान के अलावा चावल, मोती, कौड़ी, स्टोन से खूबसूरत रंग-बिरंगे धागों से सजी राखियों का निर्माण किया गया है। नंदनी ने कहा कि इस वर्ष अच्छी बिक्री होने पर अगले वर्ष अधिक मात्रा में राखियां बनाई जाएंगी।
स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए किया प्रयास
नंदनी ने बताया कि इसकी प्रेरणा उन्हें शिक्षक चूड़ामणि से मिली हैं। पिछले साल उन्होंने धान से राखी बनाई थी। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए यह प्रयास किया है। अगर लोगों का सहयोग रहा तो आगे भी उनका काम जारी रहेगा।
नंदनी PGDCA पढ़ाई कर रही है, उनके पिता अनंदराम बघेल और उनकी माता एवं भाई बहन उनको इस कार्य के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
‘किसान राखी’ का दिया नाम
नंदनी बघेल ने बताया कि धान की राखी बनाने में बहुत मेहनत लगती है, साथ ही समय भी अधिक लगता है। एक राखी बनाने में आधा घंटा का समय लगता है जबकि इतने समय में दूसरी राखियां पांच से अधिक बनाई जा सकती है।
धान से बनी राखियों को ‘किसान राखी’ का नाम दिया गया है, जिसे आकर्षक पैकिंग के साथ बाजार में विक्रय किया जाएगा।
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